Hindi, asked by pari2860, 5 months ago

साधू की महानता की बात का कैसे पता चलता है

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Answered by Garry6978
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सदा प्रसन्न रहनेवाले तुम आज उदास क्यों हो ? रेखांकित पदबंध का भेद है

(क) संज्ञा पदबन्ध

(ग) सर्वनाम पदबन्ध

(ख) विशेषण पदबन्ध

-

(घ) क्रिया विशेषण पदबन्ध

तितलियाँ फूलों पर मँडरा रही थीं रेखांकित पदबंध का भेद है -

(क) क्रिया विशेषण पदबन्ध

(ग) सर्वनाम पदबन्ध

(ख) क्रिया पदबन्ध

(घ) विशेषण पदबन्ध

अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे। रेखांकित पदबंध का भेद है -

(क) सर्वनाम

(ग) विशेषण

कुछ लोग सोते सोते चलते हैं। रेखांकित पदबंध का भेद है -

(क) क्रिया विशेषण

(ग) विशेषण

(ख) संज्ञा

(घ) क्रिया विशेषण

(ख) क्रिया

(घ) संज्ञा

मेरा बड़ा बेटा पेरिस जा रहा है। रेखांकित पदबंध का नाम है -

(क) क्रियाविशेषण पदबंध

(ग) सर्वनाम पदबंध

(ख) संज्ञा पदबंध

(घ) विशेषण पदबंध

इतनी लगन से काम करने वाला मैं असफल नहीं हो सकता - रेखांकित का पदबंध है -

(क) क्रिया पदबंध

(ग) क्रिया-विशेषण पदबंध

(ख) संज्ञा पदबंध

(घ) सर्वनाम पदबंध

लाल बालों वाला सिपाही चिल्लाने लगा। रेखांकित पदबंध का भेद है

(क) सर्वनाम

(ग) संज्ञा

(ख) क्रिया

(घ) विशेषण

सदा खुश रहने वाले आप आज उदास क्यों है? रेखांकित पदबंध का भेद है

(क) संज्ञा

(ग) क्रिया

Answered by Sam1825
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गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान।

बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥

व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान प्राप्त करो | परन्तु यह सीख न मानकर और तन, धनादि का अभिमान धारण कर कितने ही मूर्ख संसार से बह गये, गुरुपद - पोत में न लगे।

गुरु की आज्ञा आवै, गुरु की आज्ञा जाय।

कहैं कबीर सो संत हैं, आवागमन नशाय॥२॥

व्याख्या: व्यवहार में भी साधु को गुरु की आज्ञानुसार ही आना - जाना चाहिए | सद् गुरु कहते हैं कि संत वही है जो जन्म - मरण से पार होने के लिए साधना करता है |

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