साधुओं को किसकी दया पर छ़ोड़ दिया गया? * 2 points अकबर बीरबल तानसेन बैजू
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साधुओं को किस की दया पर छोड़ दिया गया था ?
साधुओं को तानसेन की दया पर छोड़ दिया गया था।
‘बैजू बावरा’ पाठ में एक बार अकबर के राज्य में कुछ साधुओं का समूह गाने बजाते घुसा। उस समय पूरे भारत में अकबर के दरबार में तानसेन नवरत्नों में से एक था। तानसेन के कारण अकबर ने अपने राज्य में गाने बजाने पर रोक लगा दी थी और अपने रागी तानसेन के कहने पर राज्य में यह कानून बनवा दिया था कि जो आदमी राग विद्या में उसकी बराबरी ना कर सके वह आगरा की सीमा में गीत न गाये। जो आगरा की सीमा में गीत गाएगा उसे मौत की सजा हो जाएगी।
वनवासी साधु जो बाहर से आए थे उन्हें इस नियम का पता नहीं था और वह अज्ञानता वश नगर में घुसते ही भजन कीर्तन गाने लगे। तब अकबर के सिपाहियों ने साधुओं को पकड़ लिया और दरबार में अकबर के सामने पेश किया।
अकबर ने सभी साधुओं को तानसेन की दया पर छोड़ दिया और तानसेन ने सभी साधुओं को को मृत्यु दंड देने का आदेश दे दिया, उनमें से केवल एक बालक को छोड़ दिया जो बैजू बावरा था।