साधु पुरुष धन संचय क्यों करते हैं? उदाहरण सहित लिखिए
Answers
Answer:
बचपन में हमसे अपने घर में यदि कोई अवांछित हरकतें होतीं तो हमें कोसने के साथ साथ हमारी संगति को भी बखाना जाता। गुस्से में कहा जाता- इनकी संगति ही ख़राब है। किसके संग रह कर सिखा यह सब? यहां तक कि हमारी सखी-सहेलियों की जात-बिरादरी और पुश्तें गिनवा दी जातीं।
तब से ही ये बात दिमाग में घर कर गई थी कि संगति का बड़ा गहरा असर पड़ता होगा जीवन में। तभी तो बड़े हमेशा संगति पर नजर रखते हैं। आज इसी संगति का असर, पूरी दुनिया में अपना असर दिखा रहा है। और कोरोना में तो और भी ज्यादा। अब तो साथ रह कर भी दूर -दूर रहने को मजबूर हम आज इस संगति विषय पर ही बात करते हैं क्योंकि मनुष्य जीवन की उन्नति संगति से ही होती है। संगति से उसका स्वभाव परिवर्तित हो जाता है। संगति ही उसे नया जन्म देता है। जैसे, कचरे में चल रही चींटी यदि गुलाब के फूल तक पहुंच जाए तो वह देवताओं के मुकुट तक भी पहुंच जाती है। ऐसे ही महापुरुषों के संग से नीच व्यक्ति भी उत्तम गति को पा लेता है।
hope it helps you pls mark me as brainlist pls ❤️❤️
Answer:
कबीर संगत साधु की, नित प्रति कीजै जाय
दुरमति दूर बहावासी, देशी सुमति बताय
बचपन में हमसे अपने घर में यदि कोई अवांछित हरकतें होतीं तो हमें कोसने के साथ साथ हमारी संगति को भी बखाना जाता। गुस्से में कहा जाता- इनकी संगति ही ख़राब है। किसके संग रह कर सिखा यह सब? यहां तक कि हमारी सखी-सहेलियों की जात-बिरादरी और पुश्तें गिनवा दी जातीं।
तब से ही ये बात दिमाग में घर कर गई थी कि संगति का बड़ा गहरा असर पड़ता होगा जीवन में। तभी तो बड़े हमेशा संगति पर नजर रखते हैं। आज इसी संगति का असर, पूरी दुनिया में अपना असर दिखा रहा है। और कोरोना में तो और भी ज्यादा। अब तो साथ रह कर भी दूर -दूर रहने को मजबूर हम आज इस संगति विषय पर ही बात करते हैं क्योंकि मनुष्य जीवन की उन्नति संगति से ही होती है। संगति से उसका स्वभाव परिवर्तित हो जाता है। संगति ही उसे नया जन्म देता है। जैसे, कचरे में चल रही चींटी यदि गुलाब के फूल तक पहुंच जाए तो वह देवताओं के मुकुट तक भी पहुंच जाती है। ऐसे ही महापुरुषों के संग से नीच व्यक्ति भी उत्तम गति को पा लेता है।
please drop some ❤️❤️❤️
Explanation:
please f-o-l-l-o-w m-e bro please