साधारण बहुमत प्रणाली का अर्थ स्पष्ट करें
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साधारण बहुमत प्रणाली अथवा विजय स्तम्भ पर पहले पहुँचने की प्रणाली
बहुलवादी प्रणाली, प्रतिनिधित्व की सबसे अधिक प्रचलित निर्वाचन प्रणाली है। इसे विजय स्तम्भ . पर पहले पहुंचने (थ्पतेज-चेंज-जीम-चवेज) की प्रणाली, अथवा सामान्य बोलचाल की भाषा में साधारण बहुमत प्रणाली कहते हैं। इसका अर्थ यह है कि किसी निर्वाचन क्षेत्र में जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक मत प्राप्त हुए हों वही विजयी घोषित किया जाता है। भारत में लोकसभा तथा राज्यों की विधान सभाओं के सदस्य इसी पद्धति से चुने जाते हैं। इसी पद्धति से इंगलैण्ड के कॉमन सदन, अमेरिका के प्रतिनिधि सदन तथा कनाडा, फिलीपीन्स एवं वेनेजुएला के निचले सदनों के सदस्यों का निर्वाचन होता है। इस साधारण बहुमत प्रणाली में यह सम्भव है कि कोई उम्मीदवार ष्आधे मतों से अधिक (स्पष्ट बहुमत) प्राप्त किए बिना ही जीत जाए क्योंकि इसमें सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाला विजयी घोषित कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी क्षेत्र में तीन उम्मीदवारों को क्रमशः 40, 35 एवं 25 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हों तो सर्वाधिक मत अर्थात् 40 प्रतिशत मत प्राप्त करने वाला उम्मीदवार विजयी होगा। तीन प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की स्थिति में यदि दो को एक-तिहाई से कुछ कम मत प्राप्त होते हैं तो तीसरे प्रत्याशी को एक-तिहाई से थोड़े अधिक प्राप्त होने पर भी वह जीत सकता है। जहाँ और भी अधिक (चार, पाँच, छह, इत्यादि) उम्मीदवार होंगे, वहाँ विजयी उम्मीदवार और भी कम मतों के आधार पर चुनाव जीत सकता है। चुनाव की इस पद्धति को ‘‘विजय स्तम्भ पर पहुंचने वाली पद्धति‘‘ (थ्पतेजच्ेंज जीम च्वेज ेलेजमउ) है उसे ही प्रथम स्थान मिलता है, चाहे उसने कितना ही समय क्यों न लिया हो। चुनाव के संदर्भ में इसका यह अर्थ है कि प्रत्याशी का सर्वाधिक मत प्राप्त करके जीतना, भले ही उसे कुल डाले गए मतों में से आधे से भी कम मत प्राप्त हुए हों।