'साधूवाच' शब्द का सन्धि-विच्छेद?
Answers
शब्दों की भी अपनी तासीर होती है। कितना अच्छा हो अगर हम सन्दर्भ के अनुसार सटीक शब्दों का प्रयोग करें। इसी कोशिश में इस पोस्ट में आम बोलचाल के शब्दों को उनकी विशिष्ट भावभूमि के साथ प्रस्तुत कर रही हूँ:
शब्दों की भी अपनी तासीर होती है। कितना अच्छा हो अगर हम सन्दर्भ के अनुसार सटीक शब्दों का प्रयोग करें। इसी कोशिश में इस पोस्ट में आम बोलचाल के शब्दों को उनकी विशिष्ट भावभूमि के साथ प्रस्तुत कर रही हूँ: 1. 'नमस्ते' और 'नमस्कार'
शब्दों की भी अपनी तासीर होती है। कितना अच्छा हो अगर हम सन्दर्भ के अनुसार सटीक शब्दों का प्रयोग करें। इसी कोशिश में इस पोस्ट में आम बोलचाल के शब्दों को उनकी विशिष्ट भावभूमि के साथ प्रस्तुत कर रही हूँ: 1. 'नमस्ते' और 'नमस्कार' दोनों ही शब्द किसी का अभिवादन करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। ‘नमस्ते’ और ‘नमस्कार’ में प्रयोग की दृष्टि से कोई खास अंतर नहीं है, फिर भी भाषाई संरचना के क्रम में समझने का प्रयास करें तो दोनों शब्द बिल्कुल समान भी नहीं हैं। इनका संधि विच्छेद करें तो ‘नमस्ते’ का संधि विच्छेद होगा नम:+ते जबकि नमस्कार का संधि विच्छेद होगा, नम:+कार। ‘नम:’ एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है, किसी को नमन करना,किसी के समक्ष सिर नवाना या झुकना तो नमस्ते और नमस्कार, दोनों ही शब्दों में नमन का भाव है।
Answer:
साधु+उवाच
please mark my answer as brainleast