संध्या की भी चहल-पहल ओढ़े थी, गहरे सूने रंग की चादर’ का आशय ‘दोपहरी’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
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हमारा पड़ोसी के प्रति दृष्टिकोण आज भी स्नेहमय, उदार और सहायतापूर्ण रहा है। ... पाठ के आधार पर बताइए कि अकसर पड़ोसियों में किन बातों को लेकर बहस होती थी? ... संध्या की भी चहल-पहल ओढ़े थी ... 'जूते फटे हुए, जिनमें से झाँक रही गाँवों की आत्मा' कविता की इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए। ... सूने रंग की चादर ... कविता 'दोपहरी' के किस अंश ने आपको प्रभावित किया और क्यों
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