( संध्याकाले भ्राता आगच्छति हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि च परिवर्त्य पूजागृह गत्वा दीप प्रज्चालयति भवानीस्तुतिं चापि करोति। तदनन्तरं चायपानार्थम् सर्वेऽपि एकत्रिताः।)
राकेशः-माले! त्वम् चिकित्सिकां प्रति गतवती आसीः, किम् अकथयत् सा? ( माला मौनमेवाश्रयति। तदैव क्रीडन्ती त्रिवर्षीया पुत्री अम्बिका पितुः क्रोडे उपविशति तस्मात् चाकलेहं च याचते। राकेशः अम्बिकां लालयति, चाकलेहं प्रदाय ताम् क्रोडात् अवतारयति। पुनः मालां प्रति प्रश्नवाचिका दृष्टि क्षिपति। शालिनी एतत् सर्वं दृष्ट्वा उत्तरं ददाति।)
शब्दार्थ : संध्याकाले-शाम के समय में। हस्तपादादिकम्-हाथ-पैर आदि का प्रक्षाल्य-धोकर। परिवर्त्य-बदलकर। प्रज्वालयति-जलाता है। भवानीस्तुतिम्-देवी की स्तुति को। तदनन्तरम्-उसके बाद। गतवती-गई। आसीः-थी। मौनम्-मौन (चुप)। एवं-ही। आश्रयति-धारण करती है। क्रीडन्ती-खेलती हुई। त्रिवर्षीया-तीन वर्ष की। क्रोडे-गोद में। उपविशति-बैठ जाती है। लालयति-प्यार करता है। प्रदाय-देकर। अवतारयति-उतार देता है। प्रश्नवाचिकाम्-प्रश्न भरी। क्षिपति-डालता है।
सरलार्थ : (शाम को भाई आते हैं हाथ-पैर आदि को धोकर और कपड़ों को बदलकर पूजाघर में जाकर दीपक जलाते हैं और देवी की पूजा भी करते हैं। उसके बाद चाय पीने के लिए सभी एक स्थान पर मिलते हैं।)
राकेश-माला! तुम डॉक्टर के पास गई थी, उसने क्या कहा?
(माली मौन ही धारण कर लेती है। तभी खेलती हुई तीन साल की बेटी अम्बिका पिता की गोद में बैठ जाती है और उनसे चॉकलेट माँगती है। राकेश अम्बिका को प्यार करता है, चॉकलेट देकर उसे गोद से उतारता है। फिर माला की ओर प्रश्न सूचक नज़र डालता (संकेत) है। शालिनी यह सब देखकर उत्तर देती है।)
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ooo what is the language......
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this is sanskrit language ?? plz mark me as brainliest
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