स्वागत है कविता में डर का भाव व्यक्त करनेवाली पंक्ति कौन सी है? *
पनिया-जहाज पर कौन चढेगा भइया।
देश परदेश के नाम मिटेंगे
पत्थरमे प्राण हमनें डाले।
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पनिया-जहाज पर कौन बनेगा अब भैया, बड़ा डर लग रहा है उससे तो कहीं पुनः दोबारा न दे इतिहास हमारा इस-उस धरती पर बिखर न जाएँ।
अर्थ : पानी के जहाज पर अब कोई देशवासी नहीं चढ़ना चाहेगा। सबको बड़ा डर लग रहा है। कहीं ऐसा न हो कि किस्मत उसी इतिहास को फिर से न दोहराने लगे। ऐसा न हो कि अपने आत्मीयों को खोजते हुए हम अलग-अलग देशों की धरती पर पहुँच जाएँ।
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कविता में डर का भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं पनिया-जहाज पर कौन चढ़ेगा अब भैया, बडा डर लग रहा है उससे तो अर्थ : हमारे सब बांधवों के मन में पानी में चलने वाले जहाज को लेकर डर-सा समा गया है। भय लग रहा है कि कहीं वह काला, भयंकर इतिहास फिर से दोहराया न जाए। फिर एक बार अंग्रेज सभी बांधवों को गुलाम बनाकर अलग-अलग देशों में भेज न दें।
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