"स्वागत सत्कार के जिस उच्च बिंदु पर हम तुम्हें ले जा चुके थे "- पंक्ति का तात्पर्य स्पष्ट कीजिए।
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स्वागत-सत्कार के जिस उच्च बिंदु पर लेखक अतिथि को ले जा चुके थे, वहाँ से नीचे उतर लेखक ने फिर दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की और रात्रि को अतिथि को सिनेमा दिखाया। लेखक के सत्कार का यह आखिरी छोर था, जिससे आगे लेखक कभी किसी के लिए नहीं बढे़।
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स्वागत-सत्कार के जिस उच्च बिंदु पर लेखक अतिथि को ले जा चुके थे, वहाँ से नीचे उतर लेखक ने फिर दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की और रात्रि को अतिथि को सिनेमा दिखाया। लेखक के सत्कार का यह आखिरी छोर था, जिससे आगे लेखक कभी किसी के लिए नहीं बढे़।
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