स्वामी आत्मानंद आशा जीवन परिचय एवं सब के साथ सब देशों हिंदी भाषा दिखाएं
Answers
Answer:
स्वामी आत्मानंद का जन्म रायपुर जिले के बरबंदा गांव में 6 अक्टूबर 1929 को हुआ. ... अपने आप में निरंतर विकास और साधना सिद्धि के लिए वे हिमालय स्थित स्वर्गाश्रम में एक वर्ष तक कठिन साधना कर वापस रायपुर आए. स्वामी भास्करेश्वरानंद के सानिध्य में उन्होंने संस्कार की शिक्षा ग्रहण की, यहीं पर उन्हें स्वामी आत्मानंद का नाम मिला
Explanation:
brainlist me please
Answer:
पुरखा के सुरता - तपस्वी योगी स्वामी आत्मानंद (1) स्वामी जी के जीवन परिचय :- स्वामी जी के जन्म 6 अक्टूबर 1929 के बिहनिया बेर के ब्रम्ह मुहरत में ग्राम बरबंदा मा होइस हे। आपमन के माताजी के नाव भाग्यवती रिहिस हे, आपमन के माताजी हा बहुत धरम करम ला मानने वाला महिला रिहिस हे, भगवान भोलेनाथ के भक्ति भाव से पूजा करय, एक बार चमत्कारिक घटना होइस। जब आपमन के माताजी हा गर्भ मा रिहिस हे वो समय 5 अक्टूबर के रात कन भगवान भोलेनाथ हा सपना में प्रसन्न मुद्रा में खड़े रिहिस हे दूसर क्षन वो दिव्य शिशु बन के भाग्यवती के गोद मा खेले ले लागिस, भाग्यवती वो लइका ला स्तनपान करावत रिहिस हे, थोड़ा देर बाद भाग्यबती के नींद खुल गे अऊ ऊही दिन सुन्दर बालक तुलेंद्र के जन्म होइस। आपमन के बाबूजी के नाव धनीराम वर्मा मांढर स्कूल में शिक्षक रिहिस हे, सामाजिक कारन के वजह से देशभर के दौरा आपमन करत रेहे हव, स्वदेशी आंदोलन मा भी जुड़े रेहे हव, एक बार जिला भर के व्यायाम प्रतियोगिता में आपमन पहला आय हव जेमा 184 तोला चांदी अऊ भीम गदा इनाम मा मिलिस। जन्म राशि के आधार ले आपमन के नाव रामेश्वर रखे गे रिहिस हे, बाद में स्कूल भर्ती करे समय मा आपमन के नाव तुलेंद्र रखे गे रिहिस हे। आपमन के पढ़ाई के लगन ला देखत हुए 4 साल मा मांढर के स्कूल मा भर्ती करा दे गे रिहिस हे। डेढ़ साल के उमर मा आपमन हा राम नाम के संकीर्तन करात रेहे हव, आपमन 4 साल के उमर मा टाउन हॉल मा हारमोनियम ला बजा के गीत गाय रेहे हव जेन ला सुन के दर्शकगण अऊ अऊ पंडित रविशंकर शुक्ल हा दंग रिगे रिहिस हे। (2) स्वामी जी की शिक्षा :- आपमन मैट्रिक ला प्रथम श्रेणी ले पास करे हव। आगे के पढाई के व्यवस्था रइपुर मा नई होय के कारण नागपुर के साइंस कॉलेज मा भर्ती होय हव। उहा हॉस्टल के व्यवस्था नई होय के कारण आपमन रामकृष्ण मा रई के अध्ययन करे हव। आपमन हा एमएससी ला प्रथम श्रेणी ले उतीर्ण करेव, संगवारी मन के सलाह ले आईएएस के परीक्षा भी दिलायव जेमा आपमन ला प्रथम 10 उमीदवार मा स्थान मिले रिहिस हे, मानव सेवा के भाव के कारण आपमन ये नौकरी ला नई करे हव, बाद में रामकृष्ण के विचारधारा ले जुड़ के कठिन साधना अऊ स्वअधयाय में जुड़ गे रेहे हव। (3)स्वामी जी के समाज सेवा मा सम्पर्ण :- सन 1957 मा रामकृष्ण मिशन के महाध्यक्ष स्वामी शंकरानंद हा तुलेंद्र ला ब्रम्हचर्य मा दीक्षित करिस अऊ वोला नवा नाव स्वामी तेज चैतन्य दिस। अपन आप मा निरन्तर विकास अऊ साधना सिद्धि बर हिमालय मा स्थित स्वर्गाश्रम मा एक वर्ष ले कठिन साधना कर के वापस रइपुर आय हव। आपमन रइपुर में स्वामी विवेकानद आश्रम के निर्माण कार्य ला शुरुवात करे हव। ये काम बर आपमन ला मिशन ले कोई स्वीकृत नई मिलिस तभो ले आपमन के प्रयास अऊ मेहनत से रामकृष्ण मिशन बेल्लूर मठ से संबद्धता प्राप्त होइस। स्वामी भास्करेश्वरानंद के सानिध्य मा आपमन संस्कार के शिक्षा ग्रहण करे हव, यही आपमन ला स्वामी आत्मानन्द के नाव मिलिस हे। (4) स्वामी जी के अन्य कार्य:- आदिवासी मन ला उचित सम्मान, ठग मन ले बचाय बर अऊ वोकर मन के उपज मन के सही मूल्य दिलाय बर अबूझमाड़ प्रकल्प के स्थापना करे हव। नारायणपुर मा वनवासी सेवा केंद्र प्रारम्भ करेव जेमा वनवासी मन के दशा अऊ दिशा सुधारे के प्रयास होइस हे। खेती के संगेसंग पेयजल, शिक्षा, चिक्तिसा के कार्य भी होय लागिस। वनवासी छात्र मन बर आवासीय विद्यालय के साथ अन्य विद्यालय के निर्माण अऊ छात्रावास के निर्माण भी करे हव, आपमन ला यूनिसेफ ले आर्थिक मदद भी मिलिस हे। नागपुर मा सेवा संस्था के शुभारम्भ भी करेव, आपमन के द्वारा अध्ययन करे हुए छात्र मन बड़े बड़े प्रशासनिक पद मा चयनित होय हाबय। 27 अगस्त 1989 के दिन भोपाल के सड़क मार्ग के द्वारा रइपुर आवत रेहेव ता राजनाँदगाँव के समीप सड़क दुर्घटना मा आपमन के दुःखत निधन होंगे। (5) स्वामी आत्मानंद जी के भाई :- आपमन के 4 भाई होथव जेमा छोटे भाई प्रसिद्ध भाषाविद अऊ विवेक ज्योति के संस्थापक डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा स्वामी जी जीवन काल मा ही स्वर्ग सिधार गे रिहिस, शेष 3 भाई मा स्वामी त्यागनंद जी महाराज अपन बड़े भाई के रस्ता में चलत हुए इलाहाबाद रामकृष्ण के प्रमुख हाबय। स्वामी निखिलात्मकानंद जी महाराज छतीसगढ़ के वनवासी क्षेत्र मा शिक्षा संस्कार के ज्योति जलावत नारायणपुर आश्रम के प्रमुख हराय। सबके छोटे भाई डॉक्टर ओम प्रकाश वर्मा शिक्षाविद हे अऊ विवेकानंद विद्यापीठ रइपुर के प्रमुख हे।