स्वामी विवेकानंद 10 लाईन की पँक्तियाँ
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स्वामी विवेकानंद का पूरा नाम नरेन्द्रनाथ विश्वनाथ दत्त है, नरेन्द्रनाथ यह उनका जन्म नाम है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, उनका जन्म कोलकाता में हुआ था।
स्वामी विवेकानंद के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था और वह पेशे से उच्च न्यायालय में वकील थे।
स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस के दिन को राष्ट्रीय युवा दिन के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था।
स्वामी विवेकानंद के जीवन में भगवान शिव के अवतार श्री हनुमान जी उनके आदर्श थे।
जब स्वामी विवेकानंद शिकागो में भाषण देने गए थे तो उन्होंने सभी को “मेरे अमेरिका के बहनो और भाइयो” कह कर संबोधित किया था, जिस वजह से वहां उपस्थित सभी का दिल उन्होंने जित लिया।
स्वामी विवेकानंद कहा करते थे की, उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
स्वामी विवेकानंद के गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद को दीक्षा देकर उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था।
स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन काल में बहुत से महान कार्य किये और अंत में 4 जुलाई 1902 को उन्होंने कोलकाता के बेलूर मठ में समाधी ले ली।
स्वामी विवेकानंद जी महान व्यक्ति थे।
विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था।
राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी जी के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता जी का नाम भुनेश्वरी देवी था।
स्वामी जी के पिता कोलकाता के उच्च न्यायलय में वकील कार्यरत थे।
स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था।
रामकृष्ण परमहंस ने बाद में वे इनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था।
रामकृष्ण परमहंस जी स्वामी विवेकानंद के गुरु थे।
स्वामी विवेकानंद अपने स्कूल में एक अच्छे विद्यार्थी थे।
स्वामी विवेकानद जी ने सनातन धर्म के प्रचार में अपना पूर्ण जीवन दिया था।
स्वामी विवेकानंद जी ने 4 जुलाई 1902 को अपने देह का त्याग किया था ।
स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागो में दिया गया भाषण और उसका पहला वाक्य जिसमे उन्होंने सभी सभा में उपस्थित लोगो को “मेरे अमेरिका के बहनो और भाइयो” कह कर संबोधित किया था, इस वाक्य को उपस्थित लोगो ने बहुत सराहा और उपस्थित सभी का दिल उन्होंने जित लिया।
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