Hindi, asked by abhisharma353, 3 months ago

स्वामी विवेकानंद एक बार किसी काम से अमेरिका गये हुए थे, और वहां उनके पास एक अंग्रेज़ आया और उसने स्वामी जी से एक सवाल पूछा कि स्वामी जी आपके हिंदुस्तान में “माँ” को सबसे ऊँचा दर्जा क्यों दिया जाता है, क्यों लोग पहले माँ को पूजते और बाद में भगवान को।

स्वामी विवेकानंद उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखे और उस अंग्रेज से कहा कि वहां पास में एक पत्थर पड़ा हुआ है उसे उठा लाओ।

अंग्रेज़ पत्थर लेकर आ गया, अब स्वामी जी ने उससे कहा कि इस पत्थर को एक कपड़े में लपेटकर अपने कमर से बाँध लो।

कमर से पत्थर बाँधने के बाद स्वामी जी ने उस अंग्रेज़ से कहा कि अब तुम जाओ और 2 घंटे बाद आना फिर में तुम्हारे सवालों के जवाब दूंगा लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि तुम अपनी कमर से इस कपड़े को खोलना नहीं।

अंग्रेज़ वहां से चला गया, पत्थर के वजन के कारण उसे चलने फिरने में बहुत तकलीफ हो रही थी और 1 घंटे पहले ही स्वामी जी के पास पहुँच गया और उनसे कहने लगा कि रहने दीजिये मुझे आपसे कोई सवाल नहीं पूछनी, में अब ये पत्थर हटा रहा हूँ अपनी कमर से।

स्वामी जी ने उस अंग्रेज़ की तरफ मुस्कुराते हुए देखकर बोले – “इसीलिये हमारे हिंदुस्तान में माँ को भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया जाता है, तुम इस पत्थर को अपने कमर से एक घंटे भी बाँध कर नहीं रख सके और माँ हमें पूरे 9 महीने अपने पेट में रखती है।“

बड़ी से बड़ी आंधी-तूफान क्यों न आ जाये फिर भी हमें वो किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचने देती है।

सीख:

जिंदगी में बड़ी से बड़ी मुश्किल की घड़ी क्यों न आ जाये लेकिन कभी भी अपने मम्मी-पापा का साथ मत छोड़ना क्योँकि जब आप छोटे थे तब उन्होंने एक पल के लिये भी आपका हाथ नहीं छोड़ा था।​

Answers

Answered by xXMarziyaXx
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जिंदगी में बड़ी से बड़ी मुश्किल की घड़ी क्यों न आ जाये लेकिन कभी भी अपने मम्मी-पापा का साथ मत छोड़ना क्योँकि जब आप छोटे थे तब उन्होंने एक पल के लिये भी आपका हाथ नहीं छोड़ा था।

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