स्वामी विवेकानंद किस बात को समझते थे?
1. भारत देश किसी एक धर्म, मत या विचारधारा का नहीं है।
2. भारत में विभिन्न धर्मों, संप्रदायों के बीच संबाद नहीं होना चाहिए।
3. भारत में सभी धर्मों को स्थान देना उचित नहीं है।
4. भारत में धार्मिक अनुष्ठानों को महत्व नहीं देना चाहिए।
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भारत जैसे देश में यह और भी अधिक ज़रूरी है, क्योंकि यह देश किसी एक धर्म, मत या विचारधारा का नहीं है। स्वामी विवेकानंद इस बात को समझते थे और अपने आचार-विचार में अपने समय से बहुत आगे थे। उनका दृढ़ मत था कि विभिन्न धर्मों-संप्रदायों के बीच संवाद होना ही चाहिए।
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