Hindi, asked by gxrpannalal, 10 months ago

स्वार्थ और परमार्थ मानव की दो प्रवृतियां हैं। हम अधिकतर कार्य अपने लिए करते हैं । 'पर' केलिए
सर्वस्व बलिदान करना ही सच्ची मानवता है । यही धर्म है, यही पुण्य है । इसे ही परोपकार कहते हैं ।
प्रकृति हमें निरंतर परोपकार का संदेश देती है । नदी दूसरों के लिए बहती है। वृक्ष जीवों को छाया तथा
फल देने के लिए ही धूप,आंधी, बर्षा और तूफानों में अपना सबकुछ बलिदान कर देते हैं।
प्रश्न (अ) सच्ची मानवता क्या है ?
सर्वस्व बलिदान करना ही सच्पी मानवता है​

Answers

Answered by bhatiamona
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प्रश्न (अ) सच्ची मानवता क्या है ?

उत्तर : सर्वस्व बलिदान करना ही सच्ची मानवता है ।

व्याख्या :

सच्ची मानवता , दूसरों के प्रति दया भावना करना होता है | बदले की भावना ना करते हुए सच्चे मन से दूसरों की मदद करना हम सबका कर्तव्य है | मानवता की रक्षा करना सबसे उपर है | मानवता का यही कर्तव्य है की शरण में आए व्यक्ति या प्राणी की हर संभव सुरक्षा वह सहायता की जाए |  मानव सेवा ही सच्ची सेवा है | मनुष्य पैसों से अमीर नहीं बनता , अपनी मानवता दूसरों के प्रति दया , सेवा से अमीर बनता है |  मानव का जन्म अच्छे कर्म  और मानवता की सेवा के लिए हुआ है।

Answered by Aʙʜɪɪ69
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Explanation:

Ans:- मानवता ही मनुष्यता की सच्ची परिभाषा है। ... उन्होंने कहा कि मनुष्य चाहे तो प्राणी जगत का रक्षक भी बन सकता और भक्षक भी। किंतु असली इंसान वहीं है जिसके भीतर दया का भाव हो।

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