Hindi, asked by anushkabhosale11, 1 year ago

'स्वार्थ रिश्तों के बीच दीवार बनता है ', इसपर अपने विचार लिखिए।

Answers

Answered by zaidkhan620305
111
संस्कारों की कमी, निहित स्वार्थ और भौतिकवादी सोच, व्यक्ति को क्रूर बना रहे हैं। वैसे वर्तमान परिवेश में आए बदलाव जमीन, जायदाद और महिलाओं को लेकर भी ऐसी वारदातें बढ़ीं हैं।

स्वार्थ को समाज में अनुचित समझा जाता है किसी को स्वार्थी कहना उसके लिए अपशब्द के समान है जबकि संसार का प्रत्येक इन्सान स्वयं स्वार्थी होता है क्योंकि इन्सान द्वारा कर्म करने का आरम्भ ही स्वार्थ के कारण है यदि इन्सान का स्वार्थ समाप्त हो जाए तो उसे कर्म करने की आवश्यकता ही क्या है ।यदि सम्मान चाहिए तो स्वार्थ का संतुलन बनाकर रखना आवश्यक है ।

I hope this answer is helpful to u...❤❤❤

Keep Asking... ✌️✌️✌️

✨✨✨If help u. Mark my answer as brainliest✨✨✨

❤️❤️❤️Thank You❤️❤️❤️

zaidkhan620305: hi
malhar12382: nice
Answered by malhar12382
25

दो लोगों के बीच में पारस्परिक हितों का होना, बनना और बढऩा रिश्तों को न केवल जन्म देता है बल्कि एक मजबूत नींव भी प्रदान करता है, लेकिन जैसे ही पारस्परिक हित निजी हित में तब्दील होना शुरु होते हैं रिश्तों को ग्रहण लगाना शुरु हो जाता है। पारस्परिक हित में अपने हित के साथ-साथ दूसरे के हित का भी समान रुप से ध्यान रखा जाता है, जबकि निजी हित में अपने और सिर्फ अपने हित पर ध्यान दिया जाता है।मनुष्य जन्म लेते ही कई तरह के रिश्तों की परिभाषाओं में बंध जाता है, जिनका आधार रक्त सम्बन्ध होता है लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे कुछ नए रिश्तों की दुनिया भी आकार लेने लगती है।

HOPE YOU ARE READING A BRAINLIEST ANSWER. . . . ! ! ! !

Similar questions