स्वास्थ्य ही संपदा है हिन्दी निबंध
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आम कहावत ““स्वास्थ्य ही धन है”” का अर्थ बहुत ही साधारण और सरल है। इसका अर्थ है कि, हमारा अच्छा स्वास्थ्य ही हमारी वास्तविक दौलत या धन है, जो हमें अच्छा स्वास्थ और मन देता है और हमें जीवन की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाता है। अच्छा स्वास्थ्य अच्छे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। मैं इस कहावत से पूरी तरह से सहमत हूँ कि, स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है, क्योंकि यह सभी पहलुओं पर हमारी मदद करता है।
अच्छा स्वास्थ्य हमें मानसिक और शारीरिक मधुमेह (डायबिटिज) को बचाने के साथ ही अन्य चिकित्सकीय परिस्थितियों से जिनमें कैंसर. मधुमेह, हृदय रोग, घातक बीमारियाँ आदि शामिल हैं, से बचाता है। एक शारीरिक और आन्तरिक रुप से अस्वस्थ व्यक्ति को अपने पूरे जीवनभर में बहुत सी चुनौतियों करना पड़ता है, यहाँ तक कि उसे अपनी नियमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किसी और पर निर्भर रहना पड़ता है। यह स्थिति उस व्यक्ति के लिए बहुत शर्मनाक होती है, जो इस सब का सामना कर रहा होता है।
इसलिए, अन्त में सभी प्रकार से खुश रहने के लिए और अपने सभी कार्यों को स्वंय करने के लिए अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना अच्छा होता है। यह सत्य हैं कि, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए हमें धन की आवश्यकता होती है और धन कमाने के लिए अच्छे स्वास्थ्य की। लेकिन यह भी सत्य हैं कि, हमारा अच्छा स्वास्थ्य हर समय हमारी मदद करता है और हमें केवल धन कमाने के स्थान पर अपने जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस तरह के व्यस्त जीवन और प्रदूषित वातावरण में, सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना और स्वस्थ जीवन जीना बहुत कठिन है। स्वस्थ रहने के लिए नियमित देखभाल और चिकित्सकीय जाँच की आवश्यकता होती है।
निबंध बड़ा है पर अच्छा है काम आयेगा hope u like it
स्वास्थ्य ही संपदा है। (हिन्दी निबंध)
स्वास्थ्य ही मनुष्य की सबसे बड़ी संपदा होती है। एक स्वस्थ शरीर ही जीवन में सभी कार्यों को संपन्न कर सकता है। यदि जीवन के सारे कार्य सुचारू रूप से होंगे तभी जीवन सुखी एवं सफल होगा। एक अस्वस्थ स्वस्थ व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता, क्योंकि अपनी अस्वस्थता के कारण वह अपने सभी कार्य सही रूप से संपन्न नहीं कर सकता, जो उसकी असफलता का कारण बन सकते हैं। इसलिए स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपदा है।
एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन निवास करता है। स्वस्थ मन होगा तो स्वस्थ एवं अच्छे विचार उत्पन्न होंगे, जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देंगे। अस्वस्थ शरीर नकारात्मक भावनाओं से घिरा रहता है। ऐसी भावनायें जीवन में आगे बढ़ने में बाधा बनती है।
स्वास्थ्य एक ऐसी संपदा है, जो अनमोल है। इस संपदा को बनाए रखना मनुष्य के लिए बेहद आवश्यक है। यह संपदा पाने का अधिकार एक मनुष्य के लिए है। इसके लिए कोई विशेष परिश्रम या पूँजी की जरूरत नही पड़ती। यह ऐसी संपदा है, जो केवल रोज के थोड़े प्रयासों से और अपनी जीवनशैली में सुधार करके स्वास्थ्य संपदा को हासिल किया जा सकता है। इसलिए स्वास्थ्य सबसे बड़ी संपदा है इसमें कोई संदेह नहीं।