स्वास्थ्य का महत्व पर अनुच्छेद लिखिए
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लोकप्रिय धारणा के विपरीत स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक रूप से फिट और किसी भी बीमारी से मुक्त होना नहीं होता है इसका मतलब यह भी है कि एक व्यक्ति का समग्र विकास होना चाहिए। इसमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना, स्वस्थ अंतर-व्यक्तिगत संबंध रखना, अच्छे संज्ञानात्मक कौशल होना और आध्यात्मिक रूप से जागृत होना शामिल है।
स्वस्थ होना एक स्थिति नहीं है यह जीवन जीने का एक तरीका है। यह एक प्रक्रिया है। अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको हर दिन उचित आहार चाहिए। आप सप्ताह में दो दिन पौष्टिक आहार लेकर और बाकी के दिन जंक खाना खा कर स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। इसी प्रकार लगातार 24 घंटे सोकर अगले तीन दिनों तक जागते नहीं रह सकते। स्वस्थ रहने और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरा समृद्ध आहार खाने के अलावा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दैनिक आहार में पर्याप्त नींद और व्यायाम भी होना चाहिए।
यह भी जरुरी है कि जो लोग सकारात्मकता की सोच से भरे हुए हैं आप उनके साथ रहें और अपने आपको परेशानी में डालने की बजाए बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करें। सामाजिक रूप से सक्रिय होने और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा अपने भीतर भी झांकना जरूरी है। कुछ समय अपने साथ बिताएं ताकि आप अपनी आवश्यकताओं को बेहतर समझ सकें और सही दिशा में अपना जीवन जी सकें। अपने समग्र स्वास्थ्य को बरकरार रखने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
Explanation:
स्वास्थय का महत्व
Swasthya ka Mahatva
प्रस्तावना- मानव जीवन का सच्चा सुख उसके स्वास्थय में निहित हैे। स्वस्थ मानव ही संसार में हर प्रकार के सुख भोग सकता है। उत्तम स्वास्थय के कारण वह जटिल-से-जटिल कार्य भी सरलता से सकता है।
स्वस्थ मनुष्य मंे अदम्य साहस, उत्साह और धर्म की भावना प्रचुर मात्रा में भरी होती है।ं उसमंे आत्मविश्वास होता है जिस कारण उसका हदय सदैव फूलों के समान खिला रहता है।
स्वास्थय अनमोल खजाना- इसके विपरीत जिन व्यक्तियों के पास स्वास्थय रूपी खजाना नहीं होता है, वह धनवान होते हुए भी अपने जीवन को भार समझते हैं। उनके लिए घर मंे बनेे स्वादिष्ट व्यंजन जहर के समान होते हैं। वह स्वादिष्ट व्यंजन को खाना तो चाहता है, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण खा नहीं पाता। अतः शरीर को स्वस्थ बनायेे रखने के लिए हमें नित्य प्रति व्यायाम करना चाहिये।
स्वास्थय के लिए व्यायाम- व्यायाम से आंशय शरीर के अंगो के समुचित विकास से है। व्यायाम करने से शरीर के सभी अंग मजबूत होते हैं, शरीर में नयी स्फूर्ति उत्पन्न होती है तथा पाचन क्रिया भी ठीक रहती है।
नित्य प्रति व्यायाम करने से शरीर में रक्त का निर्माण होता है और रक्त का संचार तेजी से विकसित होता है। शरीर हष्ट-पुष्ट तथा मन प्रसन्न रहता है।
व्यायाम अनेक प्रकार से किए जा सकते हैं, जैसे-दण्ड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ लगाना, जिमनाष्टिक करना, घुड़ासवारी करना, यहां तक कि साइकिल चलाना, तैरना, आसन व प्राणायाम करना भी अच्छा व्यायाम है।
खेल और स्वास्थ्य- खेल खेलना भी व्यायाम का एक उत्तम साधन है। मस्तिष्क से काम करने वालों के लिए प्रातः घूमना, सूर्य नमस्कार करना आदि लाभकारी व उपयोगी व्यायाम है।
इस प्रकार व्यायाम के द्वारा मनुष्य हमेशा स्वस्थ रहता है। स्वस्थ मनुष्य संसार के सुन्दर एवं मन को आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थलों को सरलता से देख सकता है।
स्वस्थ शरीर में जीवन का सुख- इस प्रकार यदि सुख के साथ जीना है तो शरीर को स्वस्थ रखना परम आवश्यक है। स्वस्थ रहने के लिए हमें प्राकृतिक चीजों से नाता जोड़ना होगा। अप्राकृतिक चीजों को त्यागकर ही हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
उपंसहार- मद्यपान, अन्य प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन, गरिष्ठ भोजन करना, दूषित जलवायु में रहना-ये सब चीजें हमारे स्वास्थय पर बुरा प्रभाव डालती हैं। अतः हमें इनसे बचकर अपने जीवन और स्वास्थय की रक्षा करनी चाहिये।