Hindi, asked by shreyasmrity007, 6 months ago

स्वाति नक्षत्र की बूंद कैलाशी तथा सर्प मुख में गिरकर क्या-क्या रूप धारण करती है​

Answers

Answered by archanasabnis420
5

Answer:

जब स्वाती नक्षत्र का बूंद केले पर पढता है तो वह कपूर का रुप धारण कर लेती है, जब वह सीप पर पढता है तो मनी का रुप धारण कर लेती है,तथा जब वह सर्प के मुख पर पढती है तो वह विश का रुप धारण करती है।

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Answered by soumyashree96
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इसकी एक बूंद से पपैया पक्षी अपनी प्यास बुझा लेता है। केले के पत्ते पर जल की बूंद गिरने से कपूर बनता है। इसी जल की बूंद समुद्र में गिरने से मोती बनता है। स्वाति नक्षत्र के जल की बूंद सर्प के मुंह में गिरने से जहर बनता है।

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