स्वाति नक्षत्र की बूंद कैलाशी तथा सर्प मुख में गिरकर क्या-क्या रूप धारण करती है
Answers
Answered by
5
Answer:
जब स्वाती नक्षत्र का बूंद केले पर पढता है तो वह कपूर का रुप धारण कर लेती है, जब वह सीप पर पढता है तो मनी का रुप धारण कर लेती है,तथा जब वह सर्प के मुख पर पढती है तो वह विश का रुप धारण करती है।
Please follow me and mark me as brainlest please
Answered by
3
इसकी एक बूंद से पपैया पक्षी अपनी प्यास बुझा लेता है। केले के पत्ते पर जल की बूंद गिरने से कपूर बनता है। इसी जल की बूंद समुद्र में गिरने से मोती बनता है। स्वाति नक्षत्र के जल की बूंद सर्प के मुंह में गिरने से जहर बनता है।
I hope my answer will help you and plz mark me as brain list
Thank you
Similar questions