संवाद लिखिए 50 से 60 शब्दों में बादल और किसान के बीच संवाद
Answers
Answer:
किसान: बादल , तुम कैसे हो ?
बादल: किसान भाई मैं ठीक हूँ आप बताओ |
किसान: ठीक हु मैं भी , एक बात बताओ - कभी तुमने हमारे आपस के रिश्ते के बारे में सोचा है ?
बादल: सोचता हूँ , आपकी फ़सल हमारे ऊपर ही निर्भर करती है |
किसान: सही बोल रहे हो , हमें अपनी कई फसलों के लिए आप पर निर्भर रहना पड़ता है । बादल: कई बार तो हम बिना कारण के बरस जाते है , उससे आपको काफी नुकसान हो जाता है |
किसान: कई बार सिंचाई के इंतजार में फसलों को नुकसान हो जाता है।
बादल: अब मैं भी क्या करू , मनुष्य ने अपने जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकति लो दाव पर लगा दिया है जिससे सारा संतुलन बिगड़ गया है ,समय से कुछ सही नहीं होता |
किसान: सही बोल रहे हो बादल , इसका नुकसान भी हमें भुगतना पड़ेगा |
Explanation:
(किसान चिंतित होकर बादल का निरीक्षण कर रहा है।)
(भुवन (किसान) आपस में ही बड़बड़ा रहा है।)
भुवन: आपको तो बड़ा मजा आता है दूसरे की तकलीफ देखते हुए।
(अकस्मात एक आवाज आई और भुवन इधर-उधर देखने लगा।)
बादल: भुवन ! घबराओ मत मैं बादल हूं।
जिसे रोजाना तुम दिन के चारों प्रहर मुझे ही कोसते रहते हो।
भुवन: मतलब आपने मेरी बातें सुन ली!
और कोई फर्क नहीं पड़ता सुन भी ली तो क्या? मैं किसान बादल पर निर्भर रहता हूं।
मैं किसान जो सबका अन्नदाता हूं। सभी जीव प्राणी को खाने की चीजों की उपलब्धि करना मेरा काम है।
बादल: अरे हां भुवन! सभी को पता है सभी जीव सृष्टि को जीवित रहने के लिए जो खाना चाहिए वह तू ही मतलब तेरे जैसे किसान की वजह से ही मिलता है।
भुवन: आप को सब पता है फिर भी आप हम जैसे किसानों को हाथ धोकर पीछे पड़े रहते हैं। किसी साल बिल्कुल ब्रिज वर्षा नहीं होती। इस कारणवश खेती करने के लिए पानी नहीं मिलता। बिना पानी के अनाज जल जाता है।
बादल: अरे भाई इसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। मानव ने प्रगति की इस कारणवश पेड़ काट दिए। तभी वर्षा कम होती है।
भुवन: अच्छा ठीक है इस कारण के लिए मानव जिम्मेदार है। पर किसी साल इतनी वर्षा होती है कि सारा अनाज बह जाता है। इसके लिए क्या कर सकते हैं।
बादल: इसका कारण हवामान है इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं हैं।
पर तुम चिंता मत करो। तुम्हारा कार्य सराहनीय है। प्रतिकूल परिस्थिति में भी तुम अपना कार्य करते रहते हो इससे न केवल अपने लिए बल्कि बाकी जो तुम पर निर्भर है उनके लिए खाद्य निर्मिती करते हो। इसी निस्वार्थ सेवा के लिए समाज में तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हो।