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पलामू के सूचना भवन में रविवार को कोरोना संवाद कर महामारी और आपदा में मीडिया की भूमिका पर मंथन किया गया। मंथन में विषय प्रवेश कराते हुए पलामू प्रमंडल उपनिदेशक(जनसंपर्क) आनंद ने कहा कि मीडियाकर्मी स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहते हुए मानवता की रक्षा में अपनी रचनात्मक उर्जा का इस्तेमाल करें। समाज के अंतिम व्यक्ति तक को सूचना पहुंचाने में मीडिया की महती भूमिका है। परंतु स्पर्द्धा के इस दौर में मीडिया कर्मियों को सावधानी से अपना कर्तव्य निभाना है। कई राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा कोविड-19 के कवरेज से संबंधित एडवाईजरी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एवं झारखण्ड सरकार की ओर से भी एडवाईजरी जारी की गई है, जिसकी जानकारी हरेक मीडिया कर्मी को होना चाहिए। उन्होने कहा कि अनजाने में ही सटीक शब्दों की जगह हम दूसरे अनचाहे शब्दों का इस्तेमाल कर देते है, जो आगे चलकर भ्रांतियों के रूप में प्रकट होकर हमारी विश्वसनियता पर प्रश्नचिह्न लगा सकता है। महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के कवरेज के समय मात्र आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करना चाहिए। हिन्दुस्तान के ब्यूरो प्रभारी ने कोरोना वायरस सक्रंमण के तकनीकि पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि पत्रकार का सामाजिक सरोकार ही स्थानीय समुदाय में उनकी पहचान होती है। पत्रकार का यह नैतिक दायित्व बनता है कि कोरोना संक्रमण से बचने के उपायो को अपनाने के प्रति लोगों को व्यक्तिगत रूप से अधिकाधिक प्रेरित करें। पत्रकार संजय पांडेय ने कहा कि मीडिया की बातों का समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ता है, ऐसे में सही तथ्यों से लोगों को अवगत कराना सभी की जिम्मेदारी है। पत्रकार केतन आनन्द, पत्रकार गजेन्द्र कुमार, आशुतोष पांडेय आदि ने भी विषय रखा। सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी बिजय कुमार ठाकुर ने कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता पर प्रकाश डाला और अहसास कराया कि ट्रेन के बॉगी और पंचायत भवन जब कोरेंटाइंन सेंटर बन रहे हैं तो गंभीरता समझ आती है।