Hindi, asked by vaibhav1st, 5 months ago

संवाद लेखन चांद और सूरज के बीच हुए संवाद .​

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Answered by Anonymous
8

Answer:

Good afternoon!

Explanation:

सूरज : क्या बात है चाँद मियां, बड़े दुखी नज़र आ रहे हो?

चन्द्रमा : क्या बताऊँ सूरज भाई, मुझे आप ही की तरह हमेशा जगमगाना अच्छा लगता पर पुरे महीने में मुश्किल से केवल एक पूर्णिमा की रात मिलती हे पूरी तरह नजर आने के लिए।

सूरज : और बाकि रातें भी तो आप नजर आते हैँ|

चन्द्रमा: हाँ जी नजर तो आता हूँ पर पूरा नहीं। हमेशा ही घटता बढ़ता रहता हूँ।

सूरज : तो इसमें क्या समस्या है?

चन्द्रमा : समस्या? अधूरेपन का एहसास होता है जनाब। और ये क्या अच्छा लगेगा किसी को?

सूरज : तो ये बात है जो आपको दुःख दे रही है!!

चन्द्रमा : हाँ।

सूरज : अगर ऐसा है तो मुझे भी दुखी होना चाहिये था।

चन्द्रमा : आपको क्यूँ?

सूरज : अरे भाई सभी लेखकों, कवियों और गीतकारों ने तो केवल आप ही कलाओं यानि घटते बढ़ते आकार से कल्पना कर के अनगिनत कहानियां, गीत, कविताएँ, प्रेम प्रसंग इत्यादि रच डाले है।

प्रेमी युगल आप ही की उपमाएं देकर अपने अपने साथी को रिझाते हैं।

और मुझे तो कोई पूछता ही नहीं। केवल गर्मी और रौशनी के लिये ही मेरी जरूरत मानते हैँ।

चन्द्रमा : सही कहा आपने। ये तो मुझे ख्याल ही नहीं आया की मुझे तो लोग आपसे भी चाहते हैँ और वह भी मेरे घटते बढ़ते आकर के कारण।

सूरज : तब अब तो खुश हो न?

चन्द्रमा : हाँ जी बहुत खुश। इसलिए अब मैं चला.....

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