Hindi, asked by SahezzzadiKamini, 11 months ago

संवाद लेखन किसे कहते है?

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Answered by Anonymous
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संवाद लेखन

दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाली आपसी बातचीत को संवाद कहते हैं। संवादों के माध्यम से केवल शब्दों का ही आदन-प्रदान नहीं होता बल्कि करने वालो के चेहरे पर तरह-तरह के हाव-भाव भी प्रकट होते हैं, जो संवादों में प्रयुक्त किए जाने वाले शब्दों के आरोह-अवरोह को नाटकीय ढंग से स्वाभाविकता प्रदान करते हैं।

संवाद के बिना दो लोगो के बीच बातचीत गति नहीं पकड़

सकती। संवादहीनता की स्थिति तो जड़ अवस्था को जन्म

देती हैं। सामान्य बातचीत, लड़ाई-झगड़ा, हसी-मज़ाक,

प्रेम-घृणा, वाद-विवाद आदि सभी संवादों के सहारे ही पूरे

होते हैं। संवाद के अनेक गुण होने चाहिए ताकि उनसे दूसरो

को मनचाहे ढंग से प्रभावित किया जा सके या उन पर वही

प्रभाव डाला जा सके जो हम डालना चाहते हैं।

Answered by Anonymous
232

\sf\red{संवाद \:लेखन:-}

संवाद का शाब्दिक अर्थ है-बातचीत। इसे वार्तालाप कह सकते हैं। यह शब्द सम्+वाद से बना है। इसका अर्थ है सम्यक् बोलना। दो लोगों की आपसी वार्ता को हम संवाद कह सकते हैं।

\sf\green{संवाद \:लेखन\:की\: विशेषताएं:-}

संवाद का सबसे पहला गुण है- स्वाभाविकता। स्वाभाविकता का अर्थ है- हर पात्र अपनी स्थिति, मनोदशा तथा संस्कार के हिसाब से बोले। क्रोध और प्रेम की भाषा एक नहीं हो सकती। ग्रामीण और महानगरीय पात्र की भाषा में भी अंतर होता है। अतः सभी स्थितियों का ध्यान रखते हुए पात्रों की आपसी बातचीत कराना संवाद लेखन कहलाता है।

संवाद लेखन के माध्यम से प्रभाव उत्पन्न करना भी लेखक का लक्ष्य होता है । अतः संवाद-कथन की शैली प्रभावशाली तथा सटीक होनी चाहिए।

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