संवाद लेखन: पशु पक्षियों की रक्षा पर्यावरण की रक्षा
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नमस्कार दोस्त !!!
बहुत ही अच्छा विषय पे संवाद लेखन करने का मौका मिल रहा इसिलिये मुस्कान जी मै आपका सहृदय आभारी हूं ।
दो दोस्त मुस्कान और राजू पार्क में आपस में पर्यावरण की रक्षा के बारे में बाटे करते हुवे।
★ राजू कुमार :- क्या है मुस्कान बाबु कैसा है मौसम बड़ा रंगीला है , कास ! ऐसा मौसम सभी जगह होता कितना मज़्ज़ा आता ,जहा केवल हम तुम ,और प्रकृति की हसींन वादियां । सुभानअल्लाह !!!
◆ मुस्कान :- बस बस बंद करिये अपने ख्वाब , यहाँ इतनी गर्मी हो रही और इन्हें रोमांस सूझ रहा . वैसे बाकि बाते आपके अच्छे थे । सारे जगह अगर एक अच्छा बातावरण होता तो कितना मज्जा आता यार !!!
★ राजुकुमार :- हां आज के जो स्थिति है उसके कारण ही उसका कारण सिर्फ हमलोग ही है , और हमलोगों की चाहत से ही वातावरण में फिर से स्वच्छ वातावरण हो सकता है ।
◆ मुस्कान :- आज इतनी प्रदुषण है की पशु , पक्षियां मर रही है , कई पशु पक्षियों की नस्ल ख़त्म हो गयी तो कई ख़त्म होने कके कगार पर है , और हम तो परेशान है ही , हाय इतनी गर्मी भी हो रही , वातावरण में जैसे धूल जमा हो । साँस लेंने में दिक्कत हो रही ।
★ राजुकुमार :- अले मेरा सोना कोई नही चलो कमरे में A/C चालू करके बैठते है , अब केवल हम ही तो नही परेशान पूरी दुनिया परेशान है । पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है । और एक और बात जब विकास होता है तो ह्रास भी साथ होता है । न्यूटन की तीसरा गति नियम तो पड़ी ही होगी । " equal and opposite reaction "
◆ मुस्कान :- हां बाबा हां पढ़ी है । और हमारे कमरे में चले जाने से पूरी समस्या का हल हो जायेगा। मुझे कुछ देर के लिए हल नही चैहीये पुरे जीवन के लिए चैहीये , और जिंदगी भर तो घर में पैक नही रह सकते। और चलो हम तो अपनी सुरक्षा क्र ले रहे लेकिन जिव , जन्तुओ और पक्षीयो का क्या ? वातावरण केवल हमसे ही संतुलित नही रहता है । सारे जिव जन्तुओ रहेंगे तो ही संतुलित रहेगा , अगर ओ नही तो हम नही ।
★ राजुकुमार :- हां जान तुमने बिलकुल सही पकड़ा है । कितना सोचती हो , हाय !!! लेकिन अभी के स्थिति को सुधार कर पाना बड़ी मुश्किल है । आज मनुस्य सिर्फ अपनी फायदा देखता है। आज बिजली खम्भो और टावर से निकने वाली प्रकाश से पक्षियों का विनाश हो रहा कुछ दिन बाद पता चलेगा पूरी प्रजातियां ही ख़त्म हो गयी , और मनुष्य की भी प्रजातियां विलुपत होने की कगार पे पहुच जायेगी तो मनुष्य को समझ आएगा ।
◆ मुस्कान :- एकदम सही है । जब तक हम लोग अपने पर्यावरण को लेकर सजग नही होंगे तबतक कुछ नही होने वाला नही तो हमारा विनाश भी हो जाएगा , हमे अपने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सरकार से कम अपेक्षा रखते हुवे , हमे स्वंय उठ खड़ा होना चाहिए और लोगो को सन्देश देना चाहिए ताकी लोग अपने कर्तव्य के प्रति सजग हो सके और पूरी मानव जाति और पशु , पक्षी जाती का सागहार होने से बचे ।
★आओ मिलकर एक नयी सोच के साथ जोश और उमंग के साथ अपने पर्यावरण को बचाए। ★
आओ हम सब मिलकर कसम खाये
प्रदूषण को हम दूर भगाये
गंदगी को दूर भागकर
वातावरण को स्वच्छ बनाये ।
जय हिंद ☺☺
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बहुत ही अच्छा विषय पे संवाद लेखन करने का मौका मिल रहा इसिलिये मुस्कान जी मै आपका सहृदय आभारी हूं ।
दो दोस्त मुस्कान और राजू पार्क में आपस में पर्यावरण की रक्षा के बारे में बाटे करते हुवे।
★ राजू कुमार :- क्या है मुस्कान बाबु कैसा है मौसम बड़ा रंगीला है , कास ! ऐसा मौसम सभी जगह होता कितना मज़्ज़ा आता ,जहा केवल हम तुम ,और प्रकृति की हसींन वादियां । सुभानअल्लाह !!!
◆ मुस्कान :- बस बस बंद करिये अपने ख्वाब , यहाँ इतनी गर्मी हो रही और इन्हें रोमांस सूझ रहा . वैसे बाकि बाते आपके अच्छे थे । सारे जगह अगर एक अच्छा बातावरण होता तो कितना मज्जा आता यार !!!
★ राजुकुमार :- हां आज के जो स्थिति है उसके कारण ही उसका कारण सिर्फ हमलोग ही है , और हमलोगों की चाहत से ही वातावरण में फिर से स्वच्छ वातावरण हो सकता है ।
◆ मुस्कान :- आज इतनी प्रदुषण है की पशु , पक्षियां मर रही है , कई पशु पक्षियों की नस्ल ख़त्म हो गयी तो कई ख़त्म होने कके कगार पर है , और हम तो परेशान है ही , हाय इतनी गर्मी भी हो रही , वातावरण में जैसे धूल जमा हो । साँस लेंने में दिक्कत हो रही ।
★ राजुकुमार :- अले मेरा सोना कोई नही चलो कमरे में A/C चालू करके बैठते है , अब केवल हम ही तो नही परेशान पूरी दुनिया परेशान है । पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है । और एक और बात जब विकास होता है तो ह्रास भी साथ होता है । न्यूटन की तीसरा गति नियम तो पड़ी ही होगी । " equal and opposite reaction "
◆ मुस्कान :- हां बाबा हां पढ़ी है । और हमारे कमरे में चले जाने से पूरी समस्या का हल हो जायेगा। मुझे कुछ देर के लिए हल नही चैहीये पुरे जीवन के लिए चैहीये , और जिंदगी भर तो घर में पैक नही रह सकते। और चलो हम तो अपनी सुरक्षा क्र ले रहे लेकिन जिव , जन्तुओ और पक्षीयो का क्या ? वातावरण केवल हमसे ही संतुलित नही रहता है । सारे जिव जन्तुओ रहेंगे तो ही संतुलित रहेगा , अगर ओ नही तो हम नही ।
★ राजुकुमार :- हां जान तुमने बिलकुल सही पकड़ा है । कितना सोचती हो , हाय !!! लेकिन अभी के स्थिति को सुधार कर पाना बड़ी मुश्किल है । आज मनुस्य सिर्फ अपनी फायदा देखता है। आज बिजली खम्भो और टावर से निकने वाली प्रकाश से पक्षियों का विनाश हो रहा कुछ दिन बाद पता चलेगा पूरी प्रजातियां ही ख़त्म हो गयी , और मनुष्य की भी प्रजातियां विलुपत होने की कगार पे पहुच जायेगी तो मनुष्य को समझ आएगा ।
◆ मुस्कान :- एकदम सही है । जब तक हम लोग अपने पर्यावरण को लेकर सजग नही होंगे तबतक कुछ नही होने वाला नही तो हमारा विनाश भी हो जाएगा , हमे अपने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सरकार से कम अपेक्षा रखते हुवे , हमे स्वंय उठ खड़ा होना चाहिए और लोगो को सन्देश देना चाहिए ताकी लोग अपने कर्तव्य के प्रति सजग हो सके और पूरी मानव जाति और पशु , पक्षी जाती का सागहार होने से बचे ।
★आओ मिलकर एक नयी सोच के साथ जोश और उमंग के साथ अपने पर्यावरण को बचाए। ★
आओ हम सब मिलकर कसम खाये
प्रदूषण को हम दूर भगाये
गंदगी को दूर भागकर
वातावरण को स्वच्छ बनाये ।
जय हिंद ☺☺
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simren9:
hii
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