संवाद लेखन- स्कूल के बच्चों की पढ़ाई संबंधी बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए
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Answer:
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Explanation:
नवनीत: राजीव, अगर तुम भी पढ़ाई पर ध्यान देते और मेहनत करते तो तुम्हें इस तरह लज्जित न होना पड़ता।
राजीव: तुम ठीक कहते हो नवनीत। पर मेरा मन पुस्तकों में नहीं लगता। जो पढ़ता हूँ, वह याद ही नहीं हो पाता है।
सौरभ: जब मन इधर-उधर भटकता है, ध्यान किसी एक चीज़ पर केंद्रित नहीं होता, तब ऐसा ही होता है, राजीव।
राजीव: पर आज मैंने यह देख लिया कि मेहनत करने वाले बच्चों का कितना सम्मान होता है। उन्हें कितना महत्त्व दिया जाता है, विद्यालय में भी और घर पर भी।
नवनीत: इसके बाद भी तुम मन लगाकर पढ़ने की कोशिश नहीं करते राजीव देखो, नहीं पढ़ोगे तो बड़े आदमी नहीं बन पाओगे।
राजीव: मैं यह बात अच्छी तरह समझता हूँ। प्रधानाचार्य जी ने तुम दोनों की प्रशंसा में बहुत कुछ कहा।
सौरभ: इस बात से शिक्षा लो। इस वर्ष जी लगाकर मेहनत करो ताकि तुम भी वही सम्मान पा सको।
नवनीत: हमें दुख है कि तुम उत्तीर्ण नहीं हो सके। हम लोगों से तुम्हारा साथ छूट रहा है। पर हमारी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं। तुम भी पढ़-लिखकर बड़े आदमी बनो, बहुत बड़े विद्वान बनो और सम्मान प्राप्त करो।
सौरभ: आज से प्रण कर लो कि सारी बातें छोड़कर पढ़ाई में ध्यान लगाओगे। यह बात गाँठ बाँध लो कि जीवन में शिक्षा ही तुम्हारे काम आएगी, कोई और चीज़ काम आने वाली नहीं है।
राजीव: (वचन देते हुए) मैं संकल्प करता हूँ कि एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनूँगा, चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों न करना पड़े।