Political Science, asked by tamannaj2005, 3 months ago

संविधान की जीवंतता का क्या अर्थ है​

Answers

Answered by payalkand1840
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Answer:

यह अर्थ है कि हमारा संविधान परमात्मा की वाणी की तरह प्रश्न और बौद्धिक वाद विवाद और शंका और निवारण के विषय से बाहर का ज्ञान नहीं है। इस में भारत के नागरिक अपने द्वारा चयनित विधायक और सांंसद के रूप में प्रतिनिधियों को भेजते हैं उन का कर्तव्य होता है कि संविधान के जो नियम समय अनुसार बदलाव चाहते हैं या उनकी आज या भविष्य में आवश्यकता नहीं रह गई हो उन पर अन्य विधानसभा अथवा संसद सदस्यों के साथ गहन विचार विमर्श के बाद संशोधन किया जाता है। लोकसभा, राज्यसभा और महामहिम राष्ट्रपति महोदय की अनुमति के बाद । हाल ही में धारा 370 व 35 पर निरस्तीकरण इस के उदाहरण हैं।

Answered by Anonymous
6

Answer:

इसका तातपर्य यह है कि हमारे संविधान में समय की जरूरतों के अनुसार अनुकूल परिवर्तन किए जा सकते है। यही कारण है कि भारतीय संविधान को एक जीवंत दस्तावेज कहते है। ... यदि भविष्य में किसी विषयों को लेकर यदि कोई परिवर्तन करना हो तो हमें अन्य संविधान की आवश्यकता नहीं है वरन् हम इसी संविधान में संशोधन करके इसे जीवंत बना सकते है।

Explanation:

जीवंत जो भी होता है वह उग सकता है, उगता है, उसमें टूट फुट होती है और वह टूट फुट समाधान भी होता है।

निर्जीव में परिवर्तन नहीं, नया कभी, कुछ नहीं बस या तो यथा स्थिति या सड़ता चला जाता है।

भारतीय संविधान प्रगतिशील नमनीय सँविधान है। नमनीयता ही जीवन्तता का प्रमाण है।

केशवानन्द भारती केश का न्याय नियमन, की संवैधानिक घोषणा, प्रस्तावना ही इसका प्राण है ।

भारतीय संविधान के 42 वे संसोधन और फिर चवालीसेवें संशोधन , स्थानीय निकाय के नये अंश को संविधान में जुट जाना, 370 के एकाधिक प्रावधानों का हट जाना, ये सब भारतीय संविधान की जीवंतता के प्रमाण है।

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