History, asked by dropadipradhan96, 3 months ago

संविधान की परिभाषा बताते हुए इसकी आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए​

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Answered by shekhshahid
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Answer:

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं।[1]

१२९७ से मैग्ना कार्टा की प्रतिलिपि।

वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है।

भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है,[2] जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में[3] 146,385 शब्दों के साथ, 25 भागों( 22+4A,9A,14A) में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 104(1951 to 2019) संशोधन हैं, जबकि शब्दों के आधार पर मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें 97 अनुच्छेदों के साथ 10 अध्याय, और कुल 3,814 शब्द हैं। वहीं अमेरिका के संविधान में 4,543 शब्दों का प्रयोग हुआ है जो दुनिया की किसी भी बड़ी सरकार का सबसे पुराना और सबसे छोटा लिखित संविधान।

Answered by ratanlaljanagal1973
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Answer:

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। ... वहीं अमेरिका के संविधान में 4,543 शब्दों का प्रयोग हुआ है जो दुनिया की किसी भी बड़ी सरकार का सबसे पुराना और सबसे छोटा लिखित संविधान।

Explanation:

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