संवैधानिक व्यस्क मताधिकार से क्या अभिप्राय है
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राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। ... भारतीय संविधान के अनुच्छेद (आर्टिकल) 325 व 326 के अनुसार प्रत्येक वयस्क् नागरिक को, जो पागल या अपराधी न हो, मताधिकार प्राप्त है।
Answer:
1. वयस्क मताधिकार का अर्थ है कि. जाति, वर्ग, रंग, धर्म या लिंग के भेदभाव के बिना सभी वयस्क नागरिकों को वोट देने का अधिकार दिया जाना चाहिए। यह समानता पर आधारित है जो लोकतंत्र का एक बुनियादी सिद्धांत है। यह मांग करता है कि मतदान का अधिकार सभी के बीच समान रूप से उपलब्ध होना चाहिए।
2. सार्वभौमिक मताधिकार (सार्वभौमिक मताधिकार, सामान्य मताधिकार, और आम आदमी का सामान्य मताधिकार भी कहा जाता है) सभी वयस्क नागरिकों को वोट देने का अधिकार देता है, भले ही धन, आय, लिंग, सामाजिक स्थिति, नस्ल, जातीयता, राजनीतिक रुख, या किसी अन्य की परवाह किए बिना प्रतिबंध, केवल अपेक्षाकृत मामूली अपवादों के अधीन।