Sociology, asked by AnnuPanchal3053, 1 year ago

संविधान में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता क्यों पड़ती है? व्याख्या करें।

Answers

Answered by shrawanbhadiyar28
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Answer:

कियोंकि यदि ऐसा नहीं हो तो जिस सरकार का बहुमत होगा वह अपनी मर्जी से सविधान में परिवर्तन कर सकते हैं

Answered by nikitasingh79
11

Answer with Explanation:

संविधान में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से पड़ती है :  

  • विपक्षी दलों को भी अपनी बात कहने का हक होना चाहिए । राजनीतिक दलों तथा सांसदों की संविधान में संशोधन में भागीदारी होनी चाहिए।  
  • राज्यों को केंद्र की दया पर न छोड़ा जाए।  
  • संवैधानिक संशोधनों में से जनता की भलाई होनी चाहिए।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

बुनियादी ढाँचे के सिद्धांत के बारे में सही वाक्य को चिन्हित करें। गलत वाक्य को सही करे।

(क) संविधान में बुनियादी मान्यताओं का खुलासा किया गया है।

(ख) बुनियादी ढाँचे को छोड़कर विधायिका संविधान के सभी हिस्सों में संशोधन कर सकती है।

(ग) न्यायपालिका ने संविधान के उन पहलुओं को स्पष्ट कर दिया है जिन्हें बुनियादी ढाँचे के अंतर्गत या उसके बाहर रखा जा सकता है।

(घ) यह सिद्धांत सबसे पहले केशवानंद भारती मामले में प्रतिपादित किया गया है।

(ङ) इस सिद्धांत से न्यायपालिका की शक्तियाँ बढ़ी हैं। सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी बुनियादी ढाँचे के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है।  

https://brainly.in/question/12152969

सन् 2000-2003 के बीच संविधान में अनेक संशोधन किए गए। इस जानकारी के आधार पर आप निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष निकालेंगे-

(क) इस काल के दौरान किए गए संशोधनों में न्यायपालिका ने कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं किया।

(ख) इस काल के दौरान एक राजनीतिक दल के पास विशेष बहुमत था।

(ग) कतिपय संशोधनों के पीछे जनता का दबाव काम कर रहा था।

(घ) इस काल में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच कोई वास्तविक अंतर नहीं रह गया था।

(ङ) ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी।

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