Sociology, asked by Sreshadi68, 11 months ago

संविधान सभा की बहस के अंशों का अध्ययन कीजिए। हित समूहों को पहचानिए। समकालीन भारत में किस प्रकार के हित समूह हैं? वे कैसे कार्य करते हैं?

Answers

Answered by partapveer886
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Explanation:

.के. टी. शाह ने कहा कि लाभदायक रोजगार को श्रेणीगत बाध्यता के द्वारा वास्तविक बनाया जाना चाहिए और राज्यों की यह जिम्मेदारी है कि वह सभी समर्थ एवं योग्य नागरिकों की लाभदायक रोजगार उपलब्ध कराए।

बी. दास ने सरकार के कार्यों को उचित अधिकार क्षेत्र तथा अनुचित अधिकार क्षेत्र में विभाजित किए जाने का विरोध किया। उनका कहना था- मैं समझता हूँ। कि भुखमरी को समाप्त करना, सभी नागरिकों को समाजिक न्याय देना और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार को प्राथमिक कर्तव्य है। लाखों लोगों की सभा यह मार्ग नहीं हूँढ़ पाई कि संघ का संविधान उनकी भूख से मुक्ति कैसे सुनिश्चित करेगा, समाजिक न्याय, न्यूनतम मानक जीवन स्तर और न्यूनतम जनस्वास्थ्य कैसे सुनिश्चित करेगा।" अंबेडकर को उत्तर "संविधान का जो प्रारूप बनाया गया है, वह देश के शासन के लिए केवल एक प्रणाली उपलब्ध कराना है। इसकी यह योजना बिल्कुल नहीं है कि अन्य देशों की तरह कोई विशेष दल को सत्ता में लाया जाए। यदि व्यवस्था लोकतंत्र को संतुष्ट करने में खरी नहीं, उतरती है, तो किसे शासन में होना चाहिए, इसका निर्धारण जनता करेगी।"

भूमि सुधार के विषय पर नेहरू ने कहा कि सामाजिक शक्ति इस तरह की है कि कानून इस संदर्भ में कुछ नहीं कर सकता, जो इन दोनों की गतिशीलता की एक प्रतिकृति है। "यदि कानून और संसद स्वयं को बदलते परिदृश्य के अनुकूल नहीं कर पाएँगे, तो स्थितियों पर नियंत्रण कठिन होगा।"

• संविधान सभा की बहस के समय आदिवासी हितों की रक्षा के मामले में जयपाल सिंह से नेहरू ने कहा- "यथासंभव उनकी सहायता करना हमारी अभिलाषा और निश्चित इच्छा है, यथासंभव उन्हें कुशलतापूर्वक उनके लोभी पड़ोसियों से बचाया जाएगा और उन्हें उन्नत किया जाएगा।"

• संविधान सभा ने ऐसे अधिकारों को जिन्हें न्यायालय नहीं लागू करवा सकता, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धातों के शीर्षक के रूप में स्वीकार किया तथा इनमें सर्व स्वीकृति से कुछ अतिरिक्त सिद्धांतों को जोड़ा गया। इनमें के. संथानम का वह खंड भी है, जिसके अनुसार राज्य को ग्राम पंचायतों की स्थापना करनी चाहिए तथा स्थानीय स्वशासन के लिए उन्हें अधिकार और शक्ति भी देनी चाहिए।

• टी. ए. रामालिंगम चेट्टियार ने ग्रामीण • क्षेत्रों में सहकारी कुटीर उद्योगों के विकास से संबंधित खंड जोड़ा। प्रख्यात सांसद ठाकुरदास भार्गव ने यह खंड जोड़ा कि राज्य को कृषि एवं पशुपालन को आधुनिक प्रणाली से व्यवस्थित करना चाहिए।

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