स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में माखनलाल चतुर्वेदी की क्या भूमिका रही होगी
Answers
स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर निरजंन सिंह का जन्म साल 1905 में जिले के बहोरीपार में हुआ। ये जब खंडवा में ग्रेजुएशन करने गए तभी माखनलाल चतुर्वेदी के सानिध्य में स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। आगरा में एमएलबी की पढ़ाई के दौरान भी आंदोलन में लगातार सक्रिय रहे। इस दौरान वे आगरा के जिला कांग्रेस कमेटी के मंत्री रहे। इन्होंने काकोरी कांड में भी प्रमुख भूमिका निभाई। स्वतंत्रता आंदोलन में इनके सक्रिय योगदान को देखकर माखनलाल चतुर्वेदी ने ठाकुर उपनाम प्रदान किया। तभी से इन्हें ठाकुर निरंजन सिंह कहा जाने लगा। जिले में पहला अखबार उदय निकाला तथा बाद में किसान का भी सम्पादन किया। सैनिक अखबार के उपसम्पादक रहे तथा कर्मवीर, प्रताप जैसे अखबारों में सहयोग किया।
बाद में आजादी के बाद 1946 में कांग्रेस की ओर से पहला विधायक बने। साल 1951 में विचारों में मतभेद के चलते कई लोगों के साथ प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में चले गए और विधायक बने। 1958 तथा 1964 में राज्य सभा सदस्य भी रहे। इन्होंने जिले में शिक्षा के लिए चार शासकीय कॉलेज भी खुलवाया।