स्वाध्याय
प्रश्न : निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर उस पर ऐसे पाँच प्रश्न बनाओ, जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों :
शुभ
नारी ईश्वर की देन है और ईश्वर की बेटी है। भगवान के बाद हम स्त्री के ही देनदार हैं-जिंदगी देने के लिए
और फिर जिंदगी योग्य बनाने के लिए। वह माता के समान हमारी रक्षा करती है तथा मित्र और गुरु के समान हमें
कार्यों के लिए प्रेरित करती है। नारी का त्याग और बलिदान भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है। परंतु ईश्वरीय
प्रवृत्ति एवं ईश्वर द्वारा किसी भी नारी से किया गया असामयिक क्रूर मजाक वह होता है, जब नारी का सर्वेसर्वा,
मार्गदर्शक, उसका भविष्य-निर्माता उसे इस असीम दुनिया में नितांत अकेली छोड़कर अनायास काल-कवलित हो
जाता है। विधवा हो जाने पर उसे जीवनपर्यंत दूसरों पर आश्रित रहना होता है तथा संसार की सभी बहारों, रंगीनियों
से उसे वंचित किया जाता है।
संतोष की बात है कि हमारे भारत में कुछ विधवा-विवाह होने लगे हैं। परंतु समाज ने इस पद्धति को पूर्ण
रूप से स्वीकार नहीं किया है। लोग विधवा को लेने व देने, दोनों में ही हिचकिचाते हैं। विधवा-विवाह एक गौरव
की बात है, जो समाज की शुद्धता और देशोन्नति के लिए अत्यावश्यक है।
Answers
Answered by
9
Answer:
1. कोण ईश्वर की देन है?
2. क्या होणेपर नारी को दुसरो पर आश्रित रहना पडता है?
3. ईश्वर की बेटी किसे कहते है?
4. भगवान के बाद हम किसके देनदार होते है?
5. नारी के बारे मे गौरव की कोणसी बात है?
Similar questions
Science,
1 month ago
Hindi,
1 month ago
Social Sciences,
3 months ago
English,
3 months ago
English,
9 months ago
Social Sciences,
9 months ago