(३) स्वाध्याय तथा सत्संग का जीवन के लिये क्या महत्त्व है ?
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शुद्ध, पवित्र और सुखी जीवन जीने के लिए सत्संग और स्वाध्याय दोनों आधार स्तंभ हैं।
सत्संग से ही मनुष्य के अंदर स्वाध्याय की भावना जाग्रत होती है।
स्वाध्याय का जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है।
स्वाध्याय से व्यक्ति का जीवन, व्यवहार, सोच और स्वभाव बदलने लगता है।
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