Psychology, asked by saiharshitham8858, 10 months ago

स्वायत्त तन्त्रिका तन्त्र किस प्रकार आपातकालीन स्थितियों में कार्यव्यवहार करने में हमारी सहायता करता है?

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Answered by Anonymous
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Answer:

एएनएस या सहज-ज्ञान तंत्रिका प्रणाली) मुख्य तंत्रिका प्रणाली का एक भाग है जो मूल रूप से चेतना के स्तर के नीचे नियंत्रण तंत्र के रूप में कार्य करती है और सहज प्रकार्यों को नियंत्रित करती है।[1] एएनएस का प्रभाव ह्रदय गति, पाचन क्रिया, श्वांस गति, लार निकलना, पसीना निकलना, आंख की पुतलियों का व्यास, मिक्टूरीशन (मूत्र), तथा यौन उत्तेजना पर पड़ता है। हालांकि इसके अधिकांश कार्य अवचेतन रूप से होते हैं, फिर भी कुछ चेतन मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित किये जा सकते हैं जैसे श्वांस लेना.

यह मूल रूप से दो उप-प्रणालियों में विभाजित माना गया है: पैरासिम्पैथेटिक तंत्रिका प्रणाली तथा सिम्पैथेटिक तंत्रिका प्रणाली.[1][2]]] अपेक्षाकृत हाल ही में, न्यूरौनों की तीसरी उपप्रणाली प्रकाश में आई जिसे 'नॉन-ऐड्रेजेनिक तथा नॉन-कोलीनर्जिक' नाम दिया गया है, न्युरौन (ऐसा इसलिए क्योंकि वे न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में नाइट्रिक ऑक्साईड का प्रयोग करते हैं) जिन्हें स्वायत्त प्रकार्यों में पूरी तरह समाहित पाया गया तथा इसी प्रकार उनकी व्याख्या की गयी, इनका प्रयोग विशेष रूप से आंतों तथा फेफड़ों में पाया गया.

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