स्वच्छ भारत एक कदम स्वच्छता की ओर पर निबंध
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स्वच्छ भारत अभियान निबंध 8 (1400 शब्द)
परिचय:
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार द्वारा देश को स्वच्छता के प्रतीक के रुप में पेश करना है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गाँधी के द्वारा देखा गया था जिसके संदर्भ में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है” उनके अपने समय में वो देश की गरीबी और गंदगी से अच्छे से अवगत थे इसी वजह से उन्होंने अपने सपनों को पाने के लिये कई सारे प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हो सके। जैसा कि उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, उन्होंने कहा कि निर्मलता और स्वच्छता दोनों ही स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का अनिवार्य भाग है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत आजादी के 67 साल बाद भी इन दोनों लक्ष्यों से काफी पीछे है। अगर आँकड़ो की बात करें तो केवल कुछ प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय है, इसीलिये भारत सरकार पूरी गंभीरता से बापू की इस सोच को हकीकत का रुप देने के लिये देश के सभी लोगों को इस मिशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है जिससे विश्व भर में ये सफल हो सके।
इस मिशन को अपने प्रारंभ की तिथि से बापू की 150वीं पूण्यतिथि (2 अक्दूबर 2019) तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये सरकार ने सभी लोगों से निवेदन किया कि वो अपने आसपास और दूसरी जगहों पर साल में सिर्फ 100 घंटे सफाई के लिये दें। इसको लागू करने के लिये बहुत सारी नीतियाँ और प्रक्रिया है जिसमें तीन चरण है, योजना चरण, कार्यान्वयन चरण, और निरंतरता चरण।
स्वच्छ भारत अभियान क्या है ?
स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वस्थ और सुखी जीवन के लिये महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014(145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है।
इस मिशन का पहला स्वच्छता अभियान(25 सितंबर 2014) भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इसके पहले शुरु किया जा चुका था। इसका उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना साथ ही सभी को स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में बेहतर मल प्रबंधन करना है।
स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत
अपने उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है।
ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
अस्वास्थ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले शौचालयों से बदलने की आवश्यकता है।
हाथ के द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई की व्यवस्था का जड़ से खात्मा जरुरी है।
नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वाभाव में परिवर्तन लाना और स्वास्थ्यकर साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन करना।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता का निर्माण करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये।
इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिये मदद करना।
पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना।
भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना।
ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना।
वास्तव में बापू के सपनों को सच करने के लिये ये सब करना है।
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
Answer:
स्वच्छ भारत एक कदम स्वच्छता की ओर
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प्रस्तावना- स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा देश की स्वच्छता के प्रतीक के रूप में चलाया गया अभियान है। देश को स्वच्छ बनाने का सपना महात्मा गांधी ने देखा था। गांधी जी का कहना था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी है जो स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का एक अनिवार्य भाग है। हालांकि गांधी जी ने देश को स्वच्छ बनाने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन वो असफल रहे। इसके बाद इसकी पुन: शुरुआत की गई जिसे 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के ही जन्म दिवस के शुभ अवसर पर शुरू किया गया था और 2 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
स्वच्छता का महत्व: यदि हम साफ और सुंदर महौल में न रहें तो हमें गंदगी की वजह से अनेक प्रकार की बीमारियों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जिसके लिए हम खुद जिम्मेदार होते हैं। हम सभी अपने घर को तो साफ रखते हैं लेकिन घर की सफाई करते समय निकले कूड़े-कचरे को इधर-उधर फेंक देते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरे के प्रबंधन के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को हल करना और सभी लोगों की शौचालय तक पहुँच सुनिश्चित करना मुख्य लक्ष्य हैं| स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से पहले तक खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में परिवारों की शौचालय पहुँच नहीं थी और इसी कारण से लोगों के शौच के लिए बाहर जाने के वातावरण में गन्दगी फैलती थी| इसी कारण शौचालयों के निर्माण को इस अभियान में सबसे अधिक प्राथमिकता दी गयी| इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने सभी लोगों से निवेदन किया है कि वे अपने आस-पास की और दूसरी जगहों की सफाई के लिए साल में केवल 100 घंटों के लिए अपना योगदान दें।
वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति- वर्तमान में भारत स्वच्छता की ओर ज्यादा ध्यान दे रहा है। भारत को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने के लिए सरकार द्वारा तरह तरह के नियम लागू किए जा रहे हैं। जैसे-
- सड़क पर कचरा फेंकने के लिए जगह-जगह पर कूड़ेदान का प्रबंध कराया गया है।
- वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं।
- रिहायशी इलाकों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की योजना बनाई गयी है जहां व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की उपलब्धता मुश्किल है।
- सार्वजनिक शौचालयों को बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि जैसी जगहों बनाने की व्यवस्था इस अभियान के तहत की गयी है|
- ग्रामीण इलाकों के लोगों को खुले में शौच करने की मजबूरी से रोकने के लिए सरकार ने 11 करोड़, 11 लाख शौचालयों के निर्माण की योजना बनाई है।
- सरकार ने कचरे को जैविक खाद और इस्तेमाल करने लायक ऊर्जा में परिवर्तित करने की भी योजना बनाई है।
स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ एवं लक्ष्य- स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय मुहिम है जिसको भारत सरकार द्वारा लागू किया जाता है। इस अभियान के जरिए महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरांभ किया गया और 2 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
शहरी क्षेत्रों में इस अभियान को भारत के शहरी विकास मंत्रालय और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है| इस अभियान का उद्देश्य देश को 2019 तक स्वच्छ बनाना है जोकि भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था|
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