स्वच्छ भारत हमारा भारत निबंध 200 - 250
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स्वच्छ भारत अभियान हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा चलाया गया एक स्वच्छता अभियान है जिसमें सभी जगहों की गंदगी को साफ करके स्वच्छ किया जाता है उसे ही स्वच्छता अभियान कहा जाता है। स्वच्छ भारत अभियान को राष्ट्रिय स्तर पर लागू किया गया था जो भारत सरकार के द्वारा चलाया गया है। यह अभियान सभी जगह की परस्पर सफाई के लिए चलाया गया है। इस अभियान के द्वारा पूरे भारत देश की स्वच्छ बनाया जा सकता है और देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाया जा सकता है।
स्वच्छ भारत अभियान : स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्तूबर, 2014 गाँधी जयंती के दिन शुरू किया गया था जो गाँधी जी का ही सपना था लेकिन उन्हें इस सपने में विफलता प्राप्त हुई थी इसलिए भारत सरकार ने इसे सफल करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान के नाम से भी जाना जाता है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत 4041 सांविधिक नगरों में शौचालय, सड़क, गली, पैदल मार्ग, और भी कई स्थल आते हैं। स्वच्छ भारत अभियान एक ऐसा अभियान है जिसके द्वारा भारत को साल 2019 तक पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा पूरे भारत को स्वच्छ, स्वस्थ और सुखी जीवन के योग्य बनाया जा सकता है।
उपसंहार : स्वच्छ भारत अभियान को सभी राज्यों, देशों और गरीब क्षेत्रों की साफ-सफाई के लिए शुरू किया गया है। स्वच्छ भारत अभियान को शुरू करने के पीछे एक बहुत ही खास उद्देश्य है जो भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से जुड़ा हुआ है।
महात्मा गाँधी जी का सपना था कि हमारा भारत भी दूसरे राज्यों की तरह साफ-सुथरा हो इसलिए गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को सच करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की जिसके द्वारा भारत को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके
प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि शैक्षणिक स्तर पर सबको इसकी जानकारी रहे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम यहाँ कुछ छोटे-बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि विभिन्न पक्षों पर आपकी मदद करेगें
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है। देखा जाए तो, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर सभी को अपनी जिम्मेदारियों का आभास होता, तो इस अभियान की जरूरत ही नही पड़ती।
कितनी शर्मिन्दगी की बात है कि हर कोई अपना घर तो जरूर साफ करता है, लेकिन अपनी सारी गंदगी, कूड़ा-कचरा बाहर, गलियों, सड़को और चौराहों पर फेंक देते है। ये नहीं सोचते कि पूरा देश ही हमारा घर है। इसे भी साफ रखना हमारा ही काम है। कोई पड़ोसी या बाहर का नहीं आएगा साफ करनें, इसे हमें ही साफ करना है।
अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।
स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।
इस मिशन में सहयोग देने बड़ी-बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस मिशन का प्रचार-प्रसार का जिम्मा ग्यारह लोगों को दिया गया, जो कि निम्न हैं:–
सचिन तेंदुलकर
बाबा रामदेव
सलमान खान
अनिल अंबानी
प्रियंका चोपड़ा
शशि थरुर
मृदुला सिन्हा
कमल हसन
विराट कोहली
महेन्द्र सिंह धोनी
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल की पूरी टीम
गांधी जी की 145वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है।
गांधी जी हमेशा कहते थे कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा अहम है। इस कथन से हम समझ ही सकते हैं कि उनके नज़र में स्वच्छता कितनी जरूरी थी। उन्होंने एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कल्पना की थी, जिसे पूरा करने का भार माननीय प्रधानमंत्री ने उठाया। अब तक किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया था।
इसकी परिकल्पना तो गांधीजी ने आजादी के पूर्व ही गढ़ दी थी, किंतु ऑफिशियली इसे एक अप्रैल, 1999 से शुरू माना जाता है। जब भारत सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता और पूर्ण स्वच्छता के लिए आयोग गठित किए थे। जिसे बाद में 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी ने अपनी सहमति देकर इस योजना को ‘निर्मल भारत अभियान’ का नाम दिया।
सरकारी आँकड़ो की बात करें तो अब तक लगभग 10,19,64,757 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 6,03,055 ओपन डिफेकेशन फ्री गाँव हो चुके हैं। 706 जिले इसकी श्रेणी में आ चुके है। 36 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश मिलकर, इस मुहिम को सफल बना रहे हैं। ‘गांधीजी का चश्मा’ इस अभियान का लोगो (प्रतीक चिह्न) है। इसे भारत सरकार मंत्रालय के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अधीन ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ को सौंपा गया है।
प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश से अपील की, कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मुहिम से जुड़कर इसे सफल बनाये। पूरे देश ने उनकी बात मानी और यह अभियान राष्ट्रव्यापि आंदोलन बन कर उभरा। बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटिज़ ने प्रधानमंत्री के आग्रह पर इस मिशन में अपना हाथ बँटाया। सफाई आंदोलन के तहत सभी पीएम के साथ सड़कों पर उतरे। झाड़ू लेकर पीएम ने स्वयं वाराणसी के गंगा तट के अस्सी घाट पर सफाई की।
जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं वह सबसे पहले अपने आप में लागू करें।" -महात्मा गांधी।
महात्मा गांधी जी की ये बात स्वच्छता पर भी लागू होती है। अगर हम समाज में बदलाव देखना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें स्वयं में बदलाव लाना होगा। हर कोई दूसरों की राह तकता रहता है। और पहले आप-पहले आप में गाड़ी छूट जाती है।
साफ-सफाई से हमारा तन-मन दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। यह हमें किसी और के लिए नहीं, वरन् खुद के लिए करना है। यह जागरूकता जन-जन तक पहुँचानी होगी। हमें इसके लिए ज़मीनी स्तर से लगकर काम करना होगा। हमें बचपन से ही बच्चों में सफाई की आदत डलवानी होगी। उन्हें सिखाना होगा कि, एक कुत्ता भी जहां बैठता है, उस जगह को झाड़-पोछ कर बैठता है। जब जानवरों में साफ-सफाई के प्रति इतनी जागरुकता है, फिर हम तो इन्सान है।
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