स्वच्छ भारत और समृद्ध भारत पर paragraph writing हिंदी में। 100 से 120 शब्द के बीच में ही रहना चाहिए।
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यह शपथ डेढ़ साल पहले दो अक्तूबर को पूरे देश में सभी कार्यालयों, स्कूलों, जलसों में गूँजी थी। उस समय लगा था कि आने वाले एक साल में देश इतना स्वच्छ होगा कि हामरे स्वास्थ्य जैसे बजट का इस्तेमाल अन्य महत्त्वपूर्ण समस्याओं के निदान पर होगा। लेकिन अब साफ दिख रहा है कि हम भारतीय केवल उत्साह, उन्माद और अतिरेक में नारे तो लगाते हैं। लेकिन जब व्यावहारिकता की बात आती है तो हमारे सामने दिल्ली के कूड़े के ढेर जैसे हालात होते हैं जहाँ गन्दगी से ज्यादा सियासत प्रबल होती है।
आखिर हमें कूड़ा किस तरह से निजी तौर पर नुकसान पहुँचा रहा है और गन्दगी के निवारण से हम अपने जीवन को किस तरह सहज व शान्त बना सकते हैं, इन्ही विकल्पों पर विमर्श करती है पंकज कुमार सिंह की पुस्तक - ‘‘स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत’’। लेखक पर्यावरण व स्वच्छता के मसलों पर बीते बीस सालों से सतत लेखन कर रहे हैं। श्री सिंह अपनी पुस्तक में कहते हैं कि दुनिया भर में जो भी देश अपनी स्वच्छता और सुन्दरता के लिये मशहूर हैं, उसका मूल कारण वहाँ के आम लोगों का नागरिक बोध या सिविक सेंस है। वहाँ के निवासी साफ-सफाई के पीछे निरन्तर अनुशासित और सक्रिय बने रहते हैं। अधिकांश देशों में बच्चे को छोटी उम्र से ही इस नागरिक बोध का पाठ पढ़ाया जाता है, जबकि हमारे देश में हम सफाई को एक सरकारी मुद्दा मानकर खुद ही गन्दगी फैलाते हैं। इसी लिये ‘स्वच्छ भारत की तैयारी, जन-जन की भागीदारी’ का नारा बुलन्द करना जरूरी है।
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‘‘मैं गन्दगी को दूर करके भारत माता की सेवा करुँगा। मैं शपथ लेता हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा और उसके लिये समय दूँगा। हर वर्ष सौ घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करुँगा। मैं न गन्दगी करुँगा, न किसी और को करने दूँगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मोहल्ले से, मेरे गाँव से और मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करुँगा। मैं यह मानता हूँ कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहाँ के नागरिक गन्दगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गाँव-गाँव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करुँगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूँ वह अन्य सौ व्यक्तियों से भी करवाऊँगा, ताकि वे भी मेरी तरह सफाई के लिये सौ घंटे प्रयास करें। मुझे मालूम है कि सफाई की तरफ बढ़ाया गया एक कदम पूरे भारत को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा। जय हिन्द।’’