Hindi, asked by anveshasingh74, 3 months ago

स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा निबंध लेखन

Answers

Answered by AfeefaAnees
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You wanna know what scares people? Success. When you don't make moves and when you don't climb up the ladder, everybody loves you because you're not competition.

Answered by piyush433062
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Explanation:

पर्यावरणीय कार्यक्रम ने हाल में ऊर्जा के नवीनीकृत स्रोतों में निवेश के वैश्विक रूझानों की पड़ताल करने वाली एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत के लिये एक अच्छी खबर आई। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2015 में सौर और पवन ऊर्जा जैसे गैर-परम्परागत साधनों पर निवेश करने वाले दुनिया के दस शीर्ष देशों में एक रहा। उसने बीते साल इन ऊर्जा के स्रोतों में निवेश की अपनी प्रतिबद्धता से 22 फीसद आगे जाकर लगभग 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया । जाहिर तौर पर इस उपलब्धि के मायने उस पूरे वैश्विक माहौल में खास हो जाते हैं, जब दुनिया का हर देश पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की पृष्ठभूमि में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नियंत्रित करने की कोशिश में है।

खास बात ये है कि साल 2015 में भारत के यूटिलिटी सोलर स्केल परियोजनाओं के निवेश में ज्यादा उछाल आया है। यूटिलिटी सोलर स्केल परियोजनाओं के जरिए ही गर्मियों के महीने में बिजली आपूर्ति को दुरुस्त रखा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने साल 2022 तक गैर-परम्परागत ऊर्जा साधनों से 175 गीगाबाइट उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया था। खुद संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में 2015 में भारत के गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में निवेश में बढ़ोत्तरी का श्रेय मोदी सरकार की नीतियों को दियागया है।

यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि भारत में नवीनीकृत ऊर्जा के स्रोतों के भविष्य पर चल रही बहस केन्द्र सरकार की प्राथमिकता का नतीजा है। प्रधानमंत्री बनने से पहले स्वयं मोदी ने सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के जरिये क्रान्तिकारी बदलाव की बात अपनी चुनावी रैलियों में की थी । सत्ता में आने के बाद उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने समावेशी ऊर्जा नीति अपनाकर इस वादे को पूरा करने की दिशा में कई ठोस पहल किया।

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