India Languages, asked by meowlil0709, 26 days ago

'स्वच्छ पर्यावरणं तथा अस्माकं जीवनम्' इति विषये सचित्रम् एकम् अनुच्छेदं लिखत।

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Answered by yashsilswal
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Answer:

प्रदूषित पर्यावरण मानव समाज के लिए ¨चता का विषय बन गया है। पर्यावरण संरक्षण से तात्पर्य पर्यावरण की सुरक्षा से है। वृक्ष वनस्पतियों का मानव जीवन में विशेष महत्व है। प्रकृति मानव जीवन का आधार है। मानव इसके महत्व और उपयोग को न समझते हुए उपेक्षा कर रहा है। व्यक्तिगत लाभ में इसका लगातार दोहन हो रहा है। जितनी संख्या में वृक्ष कट रहे हैं, उसी आधार पर पौधरोपण भी होना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नही पा रहा है। यही कारण है कि पर्यावरण मानव के लिए खतरनाक होता जा रहा है। दूषित पर्यावरण मानव के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ तमाम बीमारियों से ग्रसित कर रहा है। हमें यह समझना होगा कि स्वच्छ पर्यावरण ही स्वस्थ जीवन का आधार है। यह कहना है सेवानिवृत्त चिकित्सक डा. ईश्वर चंद्र विद्यासागर का। कहा कि सभी के जीवन की तमाम जिम्मेदारियां है, जिससे हर दिन लोग जूझते हैं। इसी में एक जिम्मेदारी प्रकृति के संरक्षण की भी है। निजी उपलब्धियों को प्राथमिकता देने के साथ हमें प्रकृति का संरक्षण भी करना होगा। अभी हमारे पास समय है। यदि पौधरोपण के प्रति गंभीरता नहीं बरती गई तो स्थिति भयावह होगी। साथ ही अपने आसपास के लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित भी करते रहते हैं। कहा कि जीवन का पहला सुख निरोगी काया है और जब स्वास्थ्य ही सही नही होगा तो सुविधाओं का लाभ कैसे लिया जाएगा। दूसरे का इंतजार छोड़ सभी को पौधरोपण के लिए आगे आना चाहिए, जिससे पर्यावरण को नया जीवन मिल सके।

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