स्वच्छता बनाएं कोरोना भगाएं पर भाषण
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इंसानों के हाथों के माध्यम से ही विभिन्न प्रकार के कीटाणु शरीर में प्रवेश करते हैं। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हाथों को धोना बेहद जरूरी है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि दुनिया के 95 प्रतिशत पुरुष शौच जाने के बाद हाथों को ठीक से धोते नहीं हैं। वहीं अमेरिका, जिसे विकसित देशों की सूची में हमेशा शीर्ष पर रखा जाता है, वहां भी 40 प्रतिशत लोग शौच के बाद हाथों को नहीं धोते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि आधुनिकता की बात करने वाली इस दुनिया में हर साल 15 अक्टूबर को विश्व हैंडवाॅश दिवस मनाया जाता है, जो कि दुनिया भर के लोगों में हाथ धोने के प्रति जागरुकता के अभाव को दर्शाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्वच्छता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों का आयोजन करता है, लेकिन करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी स्वच्छता का जो कार्य विश्व स्वास्थ्य संगठन और देश-दुनिया के विभिन्न संगठन नहीं कर पाए, वो कोरोना वायरस कर रहा है। स्पष्ट कहें तो कोरोना वायरस दुनिया को सेनिटेशन/स्वच्छता सिखा रहा है।
सीडीसी कहता है कि नियमित तौर पर हाथों को धोना किटाणुओं और इन्फेक्शन को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा माध्यम है, क्योंकि खाने से फैलने वाली बीमारियों में 50 प्रतिशत तक का योगदान गंदे हाथों का होता है। हमारे हाथों से ही लगकर गंदगी भोजन के माध्यम से शरीर के अंदर जाती है और हम बीमार पड़ने लगते हैं। यूएस सेंटर फाॅर डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सलाह देता है कि हाथों को साबुन और पानी से 15 से 20 सेकंड तक धोना चाहिए, लेकिन अधिकतर लोग बाथरूम जाने के बाद हाथों को करीब 6 सेकंड तक ही धोते हैं, जबकि केवल पांच प्रतिशत लोग ही हाथ धोने में 15 सेकंड या इससे अधिक समय लगाते हैं। इस जानकारी को वाॅटर डाॅट ओरआरजी पर भी प्रकाशित किया गया है और ये शोध जर्नल आॅफ एनवायरमेंट हेल्थ में भी प्रकाशित हुआ है।
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