'स्वच्छता-जीवन का आधार'पर 150 शब्द का अनुच्छेद।
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आज की भाग-दौड़ और तनाव भरे जीवन में ना तो हम खुद स्वच्छता पर ध्यान देते हैं और ना ही हम इसके महत्व को समझते हैं। नरेन्द्र मोदी जी ने जिस अभियान की शुरुआत 2 अक्तूबर 2014 को की थी वह गाँधी जी का सपना था।
स्वच्छ भारत अभियान केवल एक इंसान के जरिये सफल नहीं होगा। इसके लिए सभी भारतीय को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना होगा।
स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है। स्वच्छता को हमे अपने और अपने आसपास बनाएं रखने की आवश्यकता है, जिससे हमारे जीवन में खुशहाली आ सके।
स्वच्छता हमारे शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी असर डालता है।
स्वच्छता भक्ति के समान होती है।
स्वच्छता हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ हमें डाक्टरों से भी दूर रखता है।
अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो स्वच्छता जीवन में बहुत आवश्यक है।
स्वच्छता सभी लोगों का नैतिक कर्तव्य है।
हमें साफ सफाई खुद करनी चाहिए तथा अन्य लोगों को स्वच्छता के गुणों को बतााना चाहिए।
Answer:
विडंबना यह है कि हमारे देश में लगभग सभी लोगों को अस्वच्छता के परिणामों के बारे में पता है। स्वच्छता के महत्व के बारे में पता है, परंतु कोई भी इसे लेकर ज्यादा सजग नहीं है।
अस्वच्छता के विकराल परिणाम हमें आज देखने को नहीं मिलेगे। परंतु इनके गंभीर परिणाम भविष्य में हमे जरूर देखने को मिलेंगे।
हम सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य ही धन है। और स्वास्थ्य है तो सब कुछ है। इसलिए हमें अपने आप को स्वस्थ रखने और स्वस्थ जीवन के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए।
हमें अपने खानपान, अपने जीवन में स्वच्छता को प्राथमिक रूप से दर्जा देना चाहिए और उसे एक जिम्मेदारी के तहत स्वच्छता को एक कर्तव्य समझना चाहिए।
हमे साफ-सफाई को अपने दैनिक जीवन में लागू करने का प्रयास करना चाहिए।