Hindi, asked by lksahahp6, 10 months ago

स्वच्छता के बारे में निबंध 200 सब्दो में​

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Answered by ashutosh0048
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आज कल हम सभी अपने आस पास साफ़ सफाई का माहौल देख रहे हैं. प्रतिदिन सरकारी कर्मचारी हर एक जगहों पर जाकर लोगों के घरों से कचरे इक्कठे करते हैं और सड़कों, गलियों में पड़े गन्दगी और कूड़ेदान का भी सफाया करते हैं. भारत के प्रत्येक कोने में “स्वच्छ भारत अभियान” की लहरें दौड़ रही हैं. लेकिन क्या आप ये बता सकते हैं की स्वच्छता क्या है?

स्वच्छता का अर्थ केवल अपने घर, समाज और देश से गंदगी साफ़ करना ही नहीं होता बल्कि अपने शरीर, ह्रदय और मन को भी साफ़ रखना अति आवश्यक होता है. हमारे देश और हमारे जीवन के लिए स्वच्छता बहुत ही जरुरी है क्यूंकि आजकल बहुत ही तरह की बीमारियाँ गंदगी के वजह से फ़ैल रही है जिनका मुकाबला सिर्फ और सिर्फ स्वच्छता पर ध्यान देकर किया जा सकता है. बुजुर्ग हमेसा से कहते आये हैं की “स्वच्छता में ही इश्वर का वास है”. जीवन में पवित्रता और स्वच्छता होनी अत्यंत आवश्यक है, जहाँ साफ़ सफाई रहती है वहीं पर इश्वर की असीम कृपा होती है.

आज कल की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम न तो खुद स्वच्छता पर ध्यान देते हैं और ना ही हम अपने बच्चों को इसका महत्व बताते हैं. इसलिए आज मैंने यहाँ पर स्वच्छता पर निबंध प्रस्तुत किया है जिससे आप सभी को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरुरत महसूस होगी. स्वच्छ भारत केवल एक इंसान के जरिये सफल नहीं होगा, ये कार्य हर व्यक्ति के सहयोग से ही पूर्ण हो सकता है. तो चलिए इस लेख के माध्यम से हम स्वच्छता को सबके जीवन का हिस्सा बनाये.

साफ़ सफाई का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है. स्वच्छता हमें और हमारे वातावरण को स्वच्छ और सुन्दर बनाता है. स्वच्छता मनुष्य के जीवन के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जिन्दा रहने के लिए पानी. जैसे भोजन, पानी ऑक्सीजन और अन्य चीजें हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है वैसे ही हमारे सस्वस्थ शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए स्वच्छता भी महत्वपूर्ण है. स्वच्छता बनाये रखने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य, सुन्दरता को बनाये रखना, आपत्तिजनक गंध को दूर करने के साथ ही गन्दगी और मलिनता के प्रसार से बचना है. स्वच्छता मानव समुदाय का एक अच्छा गुण होता है. यह विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचाओ के लिए सरलतम उपायों में से एक है.

स्वच्छता दो तरह की होती है, पेहली शारीरिक स्वच्छता और दूसरी आतंरिक स्वच्छता. शारीरिक स्वच्छता हमें बाहर से साफ़ रखती है और हमें आत्मविश्वास के साथ अच्छा होने का अनुभव कराती है. मगर आतंरिक स्वच्छता हमें मानसिक शांति प्रदान करती है और चिंताओं से दूर करती है. आतंरिक स्वच्छता से आशय मस्तिष्कों में गन्दी, बुरी और नकारात्मक सोच की अनुपस्थिति से है. ह्रदय, शरीर और मस्तिष्क को साफ़ और शांतिपूर्ण रखना ही पूरी स्वच्छता है. फिर भी हमें अपने चारो और के माहौल को भी साफ़ रखने की आवश्यकता है ताकि हम साफ़ और स्वास्थ्य वातावरण में रह सकें.

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हमें साफ़ सफाई को अपनी आदत में लाना चाहिए और गन्दगी को हमेसा के लिए हर जगह से हटा देना चाहिए क्यूंकि गन्दगी वह जड़ है जो कई बीमारियों को जन्म देती है. जो रोज़ नहीं नहाता, मैला कपडा पहनता हो, अपने घर या आसपास के वातावरण को गंदा रखता हो तो वो हमेशा बीमार रहता है. गन्दगी से आसपास के क्षेत्रों में कई तरह के कीटाणु, बैक्टीरिया, वायरस तथा फंगस आदि पैदा होते हैं जो बिमारियों को जन्म देते हैं.

Answered by purvapednekar
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Answer:

you can find a whole essay on Google.

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