'स्वच्छता या स्वास्थ्य ' विषय पर संस्कृत में कोई दो श्लोक अर्थ सहित लिखें।
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Answer:
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।।
भावार्थ:
सभी लोगों की भलाई के लिए कानून और न्याय के साथ शक्तिशाली नेता हों, सभी विकलांगों और विद्वानों के साथ सफलता हो और सारा विश्व सुखी हो।
विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
भावार्थ:
निरंतर अभ्यास से प्राप्त बेदाग और त्रुटिहीन ज्ञान अज्ञानता का उपाय है। जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम्।
जीवों पर दया और मित्रता रखें।
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Explanation:
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।।
भावार्थ:
सभी लोगों की भलाई के लिए कानून और न्याय के साथ शक्तिशाली नेता हों, सभी विकलांगों और विद्वानों के साथ सफलता हो और सारा विश्व सुखी हो।
विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
भावार्थ:
निरंतर अभ्यास से प्राप्त बेदाग और त्रुटिहीन ज्ञान अज्ञानता का उपाय है। जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम्।
जीवों पर दया और मित्रता रखें।