Hindi, asked by megaMind6573, 10 months ago

स्वछता और स्वास्थ पर अनुच्छेद लेखन।

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Answered by sonukumar5066
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Answer:

ऐसा उपकार जिसमें कोई अपना स्वार्थ न हो उसे परोपकारकहते हैं। परोपकार को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है और करुणा, सेवा सब परोपकार के ही पर्यायवाची हैं। जब किसी व्यक्ति के अन्दर करुणा का भाव होता है तो वोपरोपकारी भी होता है। किसी व्यक्ति की सेवा या उसे किसी भी प्रकार के मदद पहुंचाने की क्रिया को परोपकारकहते हैं।स्वास्थय किसी भी धन से बढ़कर होता है और हर व्यक्ति के लिए उसका स्वास्थय सबसे महत्वपूर्ण होता है। स्वास्थय और स्वच्छता का आपस में बहुत गहरा संबंध है। जहाँ पर स्वच्छता होगी वहीं पर अच्छा स्वास्थय होगा। हमारे वातावरण का हमारे स्वास्थय पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि हमारा वातावरण स्वच्छ होगा तो हमारा स्वास्थय स्वस्थ रहेगा और यदि वातावरण दुषित होगा तो उसके हमारे स्वास्थय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। साफ सफाई चाहे फिर वह शरीर की हो या फिर घर की स्वास्थय पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डालती है।स्वच्छता ही है जिससे व्यक्ति स्वस्थ महसूस करता है वरना गंदगी में कीटाणु पनपने से हम बहुत से रोगों का शिकार हो जाते हैं और हमारा स्वास्थय खराब हो जाता है। यदि हमारे आस पास सफाई होती है तो हम प्रफुल्लित महसुस करते हैं और प्रत्येक कार्य करने में हमारा मन लगता है और दुसरी तरफ अगर हमारे आस पास गंदगी है तो चाहे हम कितना भी एकाग्रचित होकर कार्य करने की कोशिश करे, हम उस कार्य को बेहतरीन तरह से नहीं कर सकेगा और हमारा स्वास्थय भी बिगड़ता चला जाऐगा।

हमारे स्वास्थय और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ भारत अभियान की मुहीम चलाई गई है जिससे की हमारा आस पास का वातावरण स्वच्छ रहे और हम स्वस्थ रहे लेकिन बहुत से लोग फिर भी कूड़ा करकट, पॉलीथिन, कागज आदि को खुले में डाल देते हैं जिससे की बिमारियाँ बढ़ती है। लोगों को चाहिए कि वह मिल जुलकर वातावरण को स्वच्छ रखे क्योंकि हर व्यक्ति का स्वास्थय बहुत जरूरी है। हम सबको मिलकर स्वच्छता और स्वास्थय की प्रति कदम बढ़ाना चाहिए। हमें नियमित रूप से अपने शरीर की, घर की और आस पास के मोहल्ले की सफाई करनी चाहिए। हमें ताजा खाना ही खाना चाहिए। हमें अपने आस पास पानी के एकत्रित नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इसमें मच्छर और मक्खियाँ बैठते हैं जो भोजन को दुषित करते हैं और साथ ही बहुत सी बिमारियों को भी पैदा करते हैं। हमारा स्वास्थय स्वच्छता पर निर्भर करता है। जितना अधिक हम अपने आस पास सफाई रखेंगे उतने ही तंदुरूस्त हम रह सकेंगे।

कहा जाता है कि स्वास्थय अमूल्य धन है जो एक बार खो गया तो सब कुछ खो गया और वह दोबारा आसानी से नहीं मिलता है। इसलिए स्वास्थय को स्वस्थ रखने के लिए हमें चाहिए कि हम सफाई और स्वास्थय दोनों का ध्यान रखे और स्वच्छ भारत और स्वस्थ स्वास्थय की तरफ कदम बढ़ाए।

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