साँवले सपनो की याद का सारांश 100अक्षर मे
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प्रस्तुत पाठ जून 1987 में प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली की मृत्यु के तुरंत बाद डायरी शैली में लिखा गया संस्मरण है। सालिम अली की मृत्यु से उत्पन्न दुख और अवसाद को लेखक ने साँवले सपनों की याद के रूप में व्यक्त किया है। ... वे प्रकृति में उसी तरह विलीन हो रहे थे जैसे कोई पक्षी अपना अंतिम गीत गाकर प्राण त्याग देता है।
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