Hindi, asked by nileshramkrishna, 3 months ago

सावले सपनों की याद पाळू के आधार पर स्पष्ट कीजिए
कि हमें प्रकृति और पक्षी को किस टी- दृष्टि से नहीं

देखना चाहिए और क्यों​

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Answered by Anonymous
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'पंखों पर सवार साँवले सपनों का हुजूम' पक्षी विज्ञानी सालिम अली के जनाजे को कहा गया है। उनका मृत शरीर मौत की खामोश वादी की ओर अग्रसर है। वे प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी थे और अब इस दुनिया से विदा ले रहे थे। अतः पक्षियों से सम्बन्धित सपने अब वे नहीं देख सकेंगे।

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