Hindi, asked by golu8443, 8 months ago

'साँवले सपनों की याद' शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।​

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Answered by Anonymous
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‘साँवले सपनों की याद’ एक रहस्यात्मक शीर्षक है। इसे पढ़कर पाठक जिज्ञासा से आतुर हो जाता है कि कैसे सपने? किसके सपने? कौन-से सपने? ये सपने साँवले क्यों हैं? कौन इन सपनों की याद में आतुर है? आदि।

Answered by mail2utkarshgoyal
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उत्तर :-

सांवले सपनों की याद पाठ में लेखक ने सुप्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक सलीम अली की मृत्यु पर अपने विचार व्यक्त किया है। लेखक को लगता है कि सलीम अली की यायावरी से परिचित लोग अभी भी यही सोच रहे हैं कि वे आज भी पक्षियों के सुराग में निकले हैं और अभी गले में दूरबीन लटकाए अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएंगे। लेखक की आंखें भी नम है और वह सोचता है कि’ सलीम अली, तुम लौटोगे ना।’ लेखक का सपना तब टूटता है जब वह देखता है कि सलीम अली उस हुजूम में सबसे आगे हैं जो मौत की खामोशवादी की ओर अग्रसर हो रहा है जहां जाकर वह प्रकृति में मिल जाएगा । सलीम अली को ले जाने वाले अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे वापस नहीं ला सकते अब तो बस उसकी यादें ही बची है। इस प्रकार इस पाठ का शीर्षक ‘सांवले सपनों की याद’ सार्थक है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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