२)
स्वमत अभिव्यक्ति
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'नभ में बादल न होते' इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
कृति
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Answer:
बादल होते तो किसानों का तो जीना ही बहुत बुरा हो जाता है ।
Answer:
अगर नभ में बादल न होते विषय अकल्पनीय है। बादलों के बिना कैसी सृष्टि? वायुमंडल में मौजूद वाष्प का संघनन ही बादल हैं। बादल सागरों, महासागरों की अथाह जलराशि को ग्रहण करते हैं, फिर वर्षा की जीवनदायिनी बूँदों को पृथ्वी पर बरसाकर सृष्टि का पालन करते हैं। यदि बादल न होते तो एक ओर तो सागर अपनी मर्यादा तोड़ देते। सदानीरा नदियाँ निरंतर अपना जल सागर को समर्पित करती रहती हैं। यदि इस जल का संघनन करने के लिए बादल न होते तो यह जलराशि इतना बढ़ जाती कि सागर तट व निकटवर्ती स्थान जल-समाधि ले लेते। वहाँ विनाश-लीला मच जाती। दूसरी ओर वर्षा के अभाव में पृथ्वी पर जीवसृष्टि समाप्त हो जाती। वर्षा नहीं तो किसी भी प्रकार की वनस्पति नहीं और अंततः पृथ्वी पर जीवन न रहता।
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