Hindi, asked by yampallebasweshwar01, 1 month ago

स्वमत अभिव्यक्ति संयुक्त परिवार के संबंधित अपने विचार लिखिए​

Answers

Answered by peehuthakur
4

Answer:

दादा -दादी के आँगन में माता-पिता, भाई-बहन, बेटे-बेटियों, पोते, पोतियों के रूप में खिले हुए पुष्पों के समूह को "संयुक्त परिवार "कहा जाता है। दुःख की बात है कि वर्तमान समय में पाश्चात्य सभ्यता के दुष्प्रभाव से संयुक्त परिवार प्रणाली प्रायः लुप्त हो गई है। समाज में "एकल परिवार " प्रणाली का प्रचलन हो गया है। जिसने आने वाली पीढ़ी को स्वार्थी और दम्भी बना दिया है।

आधुनिक पति-पत्नी स्वच्छंद जीना चाहने लगे हैं। यही वजह है कि वर्तमान समय में हमारे परिवार क्लेश और द्वेष की ज्वाला में भस्म होते जा रहे हैं। किसी भी स्तर के परिवार में कही भी सुख और शांति देखने को नही मिलती। हम अपनी प्राचीन संस्कृति और परम्पराओं से विमुख हो गये हैं। यहाँ तक कि कहीं- कहीं यह भी देखने में आ रहा है कि वृद्ध माता-पिता को उनके पुत्र पुत्रवधू के संकेत पर वृद्धाश्रम में उन्हें भेज देते है । ये वृद्धजन अभावग्रस्त जीवन व्यतीत करते हुए परलोक सिधार जाते है।

यह नितांत सत्य है कि अकेले रह कर सुख चाहने वालों का आगे चलकर सारा परिवार बिखर जाता है और जब परिवार बिखरते है, मुसीबतों के पहाड़ टूटने प्रारम्भ होजाते है । संयुक्त परिवार के महत्व को समझते हुए पारिवारिक प्रेम को स्थाई कैसे बनायें रखें, इस सम्बंध में महापुरूषों का कहना है कि जब परिवार में आपसी सहमति व प्रेम होगा तो आस-पास के लोग भी आपसे प्रेम करेंगे, परिवार में आपसी सम्मान की भावना होगी तो उस परिवार के लोग सर्वत्र सम्मानित होंगे, जब परिवार में एकता होगी तो शत्रु परास्त रहेंगे, परिजन अनुशासन में रहेंगे तो महिलाएं अनुशासित रहेंगी, परिणामस्वरूप उस परिवार के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल रहेगा। प्रेम के बन्धन में बँधे परिवारों में अलौकिक आनन्द की अनुभूति होती है । ये समस्त गुण संयुक्त परिवार में ही देखने को मिलते है । यह सत्य है कि हर इंसान उम्र के ढलान पर ही "संयुक्त परिवार " के महत्व को समझता है और बार-बार याद करता है ।

Explanation:

Mark me as a brainliest

Similar questions