स्वपोषी और विषमपोषी में चार अंतर बताएं
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स्वयंपोषी पोषण विषमपोषी पोषण
स्वयंपोषी पोषण विषमपोषी पोषणवे जीव जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सरल अकार्बनिक से जटिल कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करके अपना स्वयं पोषण करते हैं, स्वयंपोषी जीव (Autot rophs) कहलाते हैं।
स्वयंपोषी पोषण विषमपोषी पोषणवे जीव जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सरल अकार्बनिक से जटिल कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करके अपना स्वयं पोषण करते हैं, स्वयंपोषी जीव (Autot rophs) कहलाते हैं।उदाहरण-सभी हरे पौधे, युग्लीना।
स्वयंपोषी पोषण विषमपोषी पोषणवे जीव जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सरल अकार्बनिक से जटिल कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करके अपना स्वयं पोषण करते हैं, स्वयंपोषी जीव (Autot rophs) कहलाते हैं।उदाहरण-सभी हरे पौधे, युग्लीना।वे जीव जो कार्बनिक पदार्थ और ऊर्जा को अपने भोज्य पदार्थ के रूप में अन्य जीवित या मृत पौधों या जंतुओं से ग्रहण करते हैं, विषमपोषी जीव (Heterot- rophs) कहलाते हैं।
स्वयंपोषी पोषण विषमपोषी पोषणवे जीव जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सरल अकार्बनिक से जटिल कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करके अपना स्वयं पोषण करते हैं, स्वयंपोषी जीव (Autot rophs) कहलाते हैं।उदाहरण-सभी हरे पौधे, युग्लीना।वे जीव जो कार्बनिक पदार्थ और ऊर्जा को अपने भोज्य पदार्थ के रूप में अन्य जीवित या मृत पौधों या जंतुओं से ग्रहण करते हैं, विषमपोषी जीव (Heterot- rophs) कहलाते हैं।उदाहरण-युग्लीना को छोड़कर सभी जंतु। अमरबेल, जीवाणु, कवक आदि।