स्वपाठ्य पुस्तकात उद्यत दे श्लोळ लिखत
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राशिवालों के लिए शुभ दिन शुक्रवार और बुधवार होते हैं। कुलस्वामिनी को वृषभ राशि का आराध्य माना जाता है।
गले, निचले जबड़े और इंसुलिन का उत्पादन वृषभ द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वृषभ की स्थिति मज़बूत होने पर दांतों से जुडी समस्याएं नहीं होती और सुनने की क्षमता बढ़ती है। वृषभ के कमजोर होने के कारण गर्दन में अकड़न, गले के संक्रमण और कान के संक्रमण की सम्भावना बढ़ सकती है। वृष राशि के व्यक्तियों का गला बहुत ही संवेदनशील होता है। इन्हें भोजन-नली, गले की हड्डियों, कान, थायरॉइड ग्लैंड और निचले जबड़े से जुडी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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